नई दिल्ली। ED ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर 22 सितंबर को NIA के साथ ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत छापेमारी की थी। पता चला है कि इस संगठन के लोग देश के PM नरेंद्र मोदी की हत्या की प्लानिंग कर रहे थे। खाड़ी देशों से फंडिंग मिल रही थी। कुछ ऐसे दस्तावेज भी छापे में मिले हैं जिसमें भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने जैसी बातों का जिक्र है।
अब इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया है। कोझिकोड से गिरफ्तार PFI वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ED ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसके फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल थे।
जांच एजेंसी ने कहा संगठन ने उन पर हमला करने के लिए बकायदा एक ट्रेनिंग कैंप भी लगाया था, जिससे 2013 जैसी घटना को अंजाम दिया जा सके। अक्टूबर 2013 में पटना गांधी मैदान में तत्कालीन भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी की रैली में सिलसिलेवार बम ब्लास्ट हुए थे।
ED ने कहा कि PFI को खाड़ी देश से फंडिंग होती है। सभी पैसे हवाला के जरिए आता है। हमने इस साल PFI के 120 करोड़ रुपए जब्त किए हैं। पायथे ने भी 40 लाख रुपए कतर से ट्रांसफर किए थे, जो गैर-कानूनी तरीके से भेजा गया था।
वहीं कोच्चि में NIA की ओर से दाखिल एफिडेविट में कहा गया है कि इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए PFI ने युवाओं को लश्कर और ISIS जैसे आतंकी संगठन जॉइन करने के लिए प्रोत्साहित किया।