बीकानेर में लंपी बीमारी गोवंश पर कहर बनकर टूटी है। जिले में रोजाना 200 से ज्यादा गोवंश दम तोड़ रही है। वहीं अब तक 10 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है लेकिन प्रशासन इन आंकड़ों को छिपाने में लगा हुआ है।
वहीं नगर निगम की असंवेदनशीलता भी सामने आई है। निगम प्रशासन की ओर से बीकानेर शहर से महज पांच किलोमीटर दूर जोरबीर में गायों के शव को खुले में फेंका गया है। हजारों गायों के शवों को जंगली जानवर और चील गिद्ध नोंच रहे हैं। वहीं 3 किलोमिटर तक फैली दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। लोगों पर भी संक्रमण और बीमारी का खतरा मंडरा रहा है।
दूसरी ओर निगम आयुक्त का कहना है कि लंपी से अब तक हुई गायों की मौत का आंकड़ा कम है। गोवंश के शवों को ठेकेदार से सही तरह से निस्तारित करने को कहा गया है।आयुक्त ने बताया कि जोहरबीड़ इलाका मृत पशुओं के लिए बनाया गया है। ठेकेदार के आदमी इन गोवंश की खाल निकालता है और हड्डियां सूखने के बाद बाजार में बेचता है लेकिन अब तक सबसे बड़ा सवाल यही है कि एक और प्रशासन लंपी पर काबू पाने में नाकाम साबित रहा है।