छत्तीसगढ़ के कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा पर साहू समाज ने तीनों परिवार को एक-एक करोड़ रुपए मुआवजा देने और SP रहे डॉ. अभिषेक पल्लव पर FIR दर्ज कर बर्खास्त करने की मांग की है। इसके लिए सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है।
वहीं सरकार की ओर से मामले की जांच के लिए एडिशनल कलेक्टर निर्भय साहू को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है। अधिकारी 15 सितंबर को शिव प्रसाद साहू की मौत के बाद आगजनी में रघुनाथ साहू की मौत के कारणों और घटनाक्रम की जांच करेंगे।
लोहरीडीह में हुई घटना में तीनों मृतक साहू समाज से ही हैं, इसलिए रविवार को 16 सदस्यीय सामाजिक जांच टीम लोहारीडीह पहुंची थी। टीम ने तीनों ही मृतकों के परिजनों से मुलाकात कर घटना का सिलसिलेवार ब्योरा लिया और मौजूदा हालात पर चर्चा की।
साहू समाज ने कहा- मामले की न्यायिक जांच हो
छत्तीसगढ़ साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष टहल साहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत साहू की मौत के मामले में दोषी पुलिस वालों पर हत्या का केस दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने शिवप्रकाश और रघुनाथ की मौत की न्यायिक जांच की भी मांग की है।
वहीं उपाध्यक्ष भुनेश्वर साहू ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि लोहारीडीह में हुई घटना दो परिवारों के बीच पुरानी रंजिश को लेकर हुई। शिवप्रकाश की मौत को लेकर अफवाह फैलाई गई कि रघुनाथ साहू ने ही उसकी हत्या की है।
उन्होंने कहा, इसके चलते गांव वाले आक्रोशित हुए और फिर रघुनाथ की घर में आगजनी के चलते मौत हो गई।
प्रशांत साहू का बेटा हुआ अनाथ
भुनेश्वर साहू के मुताबिक प्रशांत की मौत के बाद उसका 8 साल का बेटा अनाथ हो गया है। प्रशांत की पत्नी की कुछ साल पहले ही मौत हो चुकी है। परिवार में और ऐसा कोई सक्षम सदस्य नहीं है, जो बच्चे का पालन पोषण कर सके। सरकार से बच्चे की पढ़ाई, सरकारी नौकरी और 1-1 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग रखी गई है।
इस मामले में गांव के 161 लोगों पर FIR हुई है और 70 लोग अरेस्ट हुए हैं। उन्हीं में प्रशांत साहू भी शामिल था जिसकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। घटना को समाज ने प्रशासन की नाकामी बताया है।
क्या था पूरा मामला
कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव में रहने वाले शिवप्रसाद साहू की लाश 15 सितंबर को एमपी-सीजी बॉर्डर में मध्यप्रदेश की सीमा के भीतर एक पेड़ से टंगी हुई मिली थी।
मृतक शिवप्रकाश और लोहारीडीह के उपसरपंच रघुनाथ साहू के बीच पुरानी रंजिश थी। ऐसे में शिवप्रकाश की हत्या के शक में गांव के कई लोगों ने मिलकर रघुनाथ का घर जला दिया।
बचने की कोशिश में रघुनाथ कच्चे मकान में जा छिपा था और वहां भी लोगों ने आग लगा दी। जिससे रघुनाथ की जिंदा जलकर मौत हो गई।
इस मामले में पुलिस ने सख्ती से कार्रवाई की। 161 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई, जबकि 70 से ज्यादा लोग अरेस्ट किए गए। इस घटना में नया मोड़ तब आया जब आरोपी प्रशांत साहू की पुलिस थाने में मौत हो गई।
मौत की वजह पुलिस पुरानी बीमारी को बताती रही लेकिन जब शरीर में पिटाई के निशान दिखाई दिए। उसके बाद ये साफ हो गया कि पुलिस की बेरहमी से की गई पिटाई के बाद ही प्रशांत की मौत हुई है।
घटना के बाद IPS एएसपी विकास कुमार को सस्पेंड कर दिया गया और इसके एक दिन बाद ही कवर्धा जिले के SP अभिषेक पल्लव और कलेक्टर जन्मेजय महोबे को हटा दिया गया।
ASI कुमार मंगलम और महिला आरक्षक अंकिता गुप्ता को सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा रेंगाखार थाने के निरीक्षक समेत पूरे 23 स्टाफ को लाइन अटैच कर दिया गया है।