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CG में भारी बारिश की चेतावनी, इन जिलों में होगी आंधी तूफान के साथ झमाझम बारिश

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रायपुर। इन दिनों प्रदेश में मानसून की रफ़्तार धीमी बनी हुई थी। बारिश वाले मौसम में भी लोगों को चिपचिपी गर्मी का सामना करना पढ़ रहा है। अब जल्द ही छत्तीसगढ़ के लोगों को गर्मी से राहत मिलने वाली है। मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में मानसून सक्रिय हो गया है। इसी के साथ साथ भारी बारिश का दौर शुरू होने वाला है। रायपुर मौसम विभाग ने आज और कल के लिए झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश के अधिकांश जिलों में अगले 24 घंटो के दौरान भारी बारिश हो सकती है। वहीं, राजधानी रायपुर सहित कई जिलों में आज सुबह से ही बादल छाये हुये है।

Narendra Modi

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, बस्तर, नाराणपुर, कोंडागांव, कांकेर, राजनांदगांव, बालोद, दुर्ग, रायपुर, बेमेतरा, मुगेली के लिए येलो अलर्ट के साथ भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आज और कल इन जिलों में आंधी तूफान के साथ जोरदार बारिश होने की संभावना है। वहीं, मौसम विभाग ने बलरामपुर के लिए ओरेंज अलर्ट के साथ अति भारी बरसात की चेतावनी जारी की है।

मेघगर्जन, वज्रपात और ओला से कैसे करें बचाव

गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रयों में रहें ।

अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं हैं तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।

घाँस-फूस की झोपड़ियों और एसबेस्टस की छत वाले घरों को नुकसान । घर के छप्पर उड़ सकते हैं।

अधूरे बंधे धातु की चादरें उड़ सकती हैं।

पेड़ों के नीचे आश्रय न ले।

बिजली/इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग न करें ।

बिजली की लाईनों से दूर रहें।

कृषि मंडियों में खुले में रखे हुए उत्पादों को भीगने से बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर भंडार करे।

ओलावृष्टि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए बागवानी एवं सब्जी की फसलों में उपलब्धता के आधार पर एंटि हेल नेट का उपयो करे।

मौसम विभाग ने क्या कुछ कहा

रविवार को मौसम विभाग ने बताया, एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर समुद्र तल से 0.9 किमी से 7.6 किमी के मध्य स्थित है। जो ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ है। एक द्रोणिका, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के क्षेत्रों के ऊपर स्थित चक्रवाती परिसंचरण से लेकर बिहार, पश्चिम बंगाल से होते हुए उत्तर पूर्व असम के ऊपर स्थित चक्रवाती परिसंचरण तक औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर बनी हुई है। एक चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के पास मध्य पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर औसत समुद्र तल से 5.8 और 7.6 किमी के मध्य स्थित है।