एजाज ढेबर को हटाने की कवायद, भाजपा पार्षदों ने की बैठक, मो.अकबर के घर पहुंचे थे ढेबर

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 में बहुमत हासिल कर लिया है। प्रदेश में सरकार बदलते ही अब रायपुर की राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। यहाँ महापौर को हटाने की मांग उठने लगी है।

मंगलवार की सुबह भाजपा के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर निगम मुख्यालय में बैठक की। इसकी खबर रात को ही एजाज ढेबर को लग चुकी थी। वो बैठक करने फौरन पूर्व मंत्री मो अकबर के घर पहुंचे। वहां पार्षदों को साधने और नगर निगम में कुर्सी बचाने के मामले पर चर्चा की गई।
नगर निगम नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे ने कहा कि रायपुर शहर के चारों सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है. रायपुर के सभी 70 वार्ड में भारतीय जनता पार्टी को लीड मिली है. हम चाहते हैं कि महापौर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दे. जिस प्रकार सत्ता हाथ से जाने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा वैसे ही हम चाह रहे हैं कि महापौर भी अपना इस्तीफा दे दे.

महापौर ढेबर का कार्यकाल बद से बदतर: चौबे
मीनल चौबे ने आगे कहा कि, उनके साथ बहुमत नहीं है. रायपुर शहर के 70 वार्ड में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को यहां बहुमत मिला है. इसलिए किस हक और अधिकार के साथ महापौर ढेबर महापौर की कुर्सी में बैठे हैं. इसे बेशर्मी तो नहीं कह सकते लेकिन यह एक तरीके से धीटहाई है. उनको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. इसी मांग को लेकर हम लोग बैठे हैं। महापौर ढेबर के कार्यकाल में रायपुर शहर का जो हाल है वह बद से बदतर हो गया है. यहां गड्ढों का भरमार है, अवैध कब्जों का भरमार है. लोगों को पेयजल उपलब्ध नहीं हो पाया है।
नगर निगम में पार्षदों की स्थिति
आपकों बता दें कि, रायपुर नगर निगम में कुल 70 वार्ड है. यहाँ कांग्रेस के 39 पार्षद है और भाजपा के 31 पार्षद है। अब भाजपा पार्षद दल महापौर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रहा है. इधर कांग्रेस पार्षद अजीत कुकरेजा ने उत्तर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसके कारण उन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया है।