नया संसद भवन, एजेंसियों का दुरुपयोग, भारत जोड़ो यात्रा…अमेरिका में राहुल के 6 बड़े बयान और उनके मायने

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को अमेरिका के दौरे पर पहुंचे. यहां सैन फ्रांसिस्को में उन्होंने भारतीयों से मुलाकात की और उन्हें संबोधित किया. इस दौरान राहुल गांधी ने नए संसद भवन, भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार, एजेंसियों के इस्तेमाल समेत तमाम मुद्दों पर बात की. इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि उन्हें सब के बारे में सबकुछ पता है. मोदी जी भगवान को भी ब्रह्मांड के बारे में समझा सकते हैं.

1- नए संसद भवन पर क्या बोले राहुल?
राहुल गांधी ने कहा कि मुझे लगता है कि नया संसद भवन का उद्घाटन असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है. बेरोजगारी, महंगाई, नफरत, शिक्षा संस्थानों में कमी जैसे मुद्दों पर बीजेपी चर्चा नहीं चाहती है. इसलिए इन सब मुद्दों को आगे किया जा रहा है.

क्या हैं मायने?

राहुल ने नई संसद के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. राहुल ने सीधे तौर पर नई संसद को लेकर कोई कमेंट नहीं किया. हालांकि, इसके बहाने उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई, नफरत फैलाने से मुद्दों पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया. राहुल इन मुद्दों पर अकसर मोदी सरकार को घेरते आए हैं. ये ऐसे मुद्दे हैं, जो सीधे तौर पर जनता के हितों से जुड़े हैं और इनका असर सीधा जनता पर पड़ता है. शायद राहुल नहीं चाहते कि वे कुछ ऐसा बोलें, जिससे बीजेपी को उन्हें घेरने का मौका मिले .

 

2- भारत में मुस्लिमों पर अत्याचार के सवाल पर राहुल ने क्या कहा?
मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार से जुड़े सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोलेंगे. मुसलमानों को लग रहा है कि उन पर ज्यादा हमले हो रहे हैं. लेकिन सिख, दलित, आदिवासी सभी ऐसा ही महसूस कर रहे हैं. हर कोई पूछ रहा है कि क्या चल रहा है? मुसलमान इसे अधिक महसूस करते हैं क्योंकि उनको ज्यादा केंद्रित किया जा रहा है. लेकिन हम नफरत को नफरत से नहीं हरा सकते. हम प्यार से नफरत को हराएंगे. भारत नफरत में विश्वास नहीं रखता. आज भारत में मुसलमानों के साथ जो हो रहा है, वही उत्तर प्रदेश में दलितों के साथ होता था. लेकिन हम इसे चुनौती देंगे, इससे लड़ेंगे.

क्या हैं मायने?

राहुल से जब पूछा गया कि भारत में मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार के बारे में वे क्या सोचते हैं. तो राहुल ने इस सवाल को सिर्फ मुस्लिमों पर न रखते हुए दलित, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों से जोड़ते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. दरअसल, राहुल कहना चाह रहे थे कि भारत में सभी समुदायों पर हमले हो रहे हैं. राहुल ने अपने जवाब से साफ कर दिया कि ये नैरेटिव सेट नहीं करना चाहते कि देश में सिर्फ मुस्लिमों पर अत्याचार हो रहे हैं. जिससे बीजेपी उनके बयान को लेकर कांग्रेस पर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप न लगा सके.

3- महिला सुरक्षा पर क्या बोले राहुल?
राहुल से जब महिलाओं के आरक्षण और सुरक्षा के मुद्दे पर सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि महिलाओं के आरक्षण पर हम बिल लाना चाहते थे लेकिन हमारे कुछ सहयोगी इस पर राजी नहीं हुए और हम ऐसा नहीं कर पाए, लेकिन हम जब सत्ता में आएंगे तो इस बिल को पास करेंगे.

राहुल ने कहा, जहां तक महिलाओं की सुरक्षा की बात है, अगर हम महिलाओं को सशक्त करेंगे, हम महिलाओं को सरकार में हिस्सा देंगे, उन्हें बिजनेस में स्पेस देंगे, उन्हें पावर देंगे, तो उन्हें अपने आप ही सुरक्षा मिल जाएगी.

क्या हैं मायने?

महिला आरक्षण बिल पर राहुल ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण बिल के समर्थन में है. लेकिन यूपीए में उनके सहयोगियों के चलते ये पास नहीं हो पाया था. राहुल ने साथ ही साफ कर दिया कि आने वाले समय में कांग्रेस इसे मुद्दा बना सकती है और 2024 में इसे अपने घोषणा पत्र मे ंभी शामिल कर सकती है.

4- एजेंसियों के इस्तेमाल पर क्या बोले राहुल?
राहुल गांधी ने कहा, हमने देखा था कि भारत में राजनीति के जो सामान्य टूल थे (जैसे जनसभा, लोगों से बातचीत, रैली) वे अब काम नहीं कर रहे हैं. हमें राजनीति के लिए जिन संसाधानों की जरूरत पड़ती है, उन्हें बीजेपी और आरएसएस नियंत्रित कर रहे हैं. लोगों को धमकी दी जा रही है. एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में हमें लगा कि कहीं न कहीं भारत में अब राजनीति करना आसान नहीं रह गया. ऐसे में हमने भारत जोड़ो यात्रा करने का फैसला किया.

क्या हैं मायने?

राहुल ने केंद्र सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. विपक्षी दल लंबे वक्त से इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते आए हैं. राहुल गांधी भी केंद्र पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ सीबीआई, ईडी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते रहे हैं. दरअसल, राहुल अमेरिका की धरती से ये संदेश देना चाहते थे कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है और केंद्रीय जब भी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर किसी विपक्षी नेता पर कार्रवाई करती हैं, तो ये राजनीतिक कारणों की वजह से होती है.

5- ‘भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की कोशिश की गई’
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, उन्होंने (बीजेपी) ने पूरी कोशिश की कि हमारी भारत जोड़ो यात्रा को रोका जा सके. उन्होंने पुलिस और एजेंसियों का इस्तेमाल किया. लेकिन वे अपनी हर कोशिश में असफल हुए. आप सबने हमारी मदद की, इसलिए कुछ भी हमारे खिलाफ काम नहीं किया.

क्या हैं मायने?

राहुल ने भारतीयों को संबोधित करते हुए ये भी बताया कि उन्हें भारत जोड़ो यात्रा के दौरान किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. राहुल ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा को रोकने की कोशिश की गई. राहुल ने आरोप लगाया कि पुलिस का इस्तेमाल कर उनकी यात्रा को रोकने की कोशिश की गई. लेकिन जनता का साथ उन्हें मिला, इसलिए बीजेपी ऐसा करने में सफल नहीं हो सकी.

6- पीएम मोदी पर साधा निशाना
राहुल गांधी ने कहा, दुनिया इतनी बड़ी है कि कोई भी व्यक्ति यह नहीं सोच सकता कि वह सबके बारे में सबकुछ जानता है. यह एक बीमारी की तरह है कि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं, जो सोचते हैं कि वे सबकुछ जानते हैं. मुझे लगता है कि उन्हें लगता है कि भगवान से ज्यादा जानते हैं. वे भगवान के सामने बैठकर उन्हें भी समझा सकते हैं कि क्या चल रहा है. पीएम मोदी भी उनमें से एक हैं.

 

राहुल ने कहा, मुझे लगता हैं कि पीएम मोदी से कहा जाए कि वे भगवान के सामने बैठ जाएं, तो वे भगवान को समझाने लगेंगे कि ब्रह्मांड में क्या चल रहा है. भगवान भी भ्रमित हो जाएंगे कि उन्होंने क्या बनाया है. भारत में यही चल रहा है. भारत में कुछ लोग ऐसे हैं, जो सबकुछ जानते हैं. जब वे वैज्ञानिक के पास जाते हैं, तो उन्हें विज्ञान के बारे में बताते हैं, जब वे इतिहासकार के पास जाते हैं, तो उन्हें इतिहास के बारे में बताते हैं. आर्मी को युद्ध के बारे में, एयरफोर्स को उड़ने के बारे में सबको सबकुछ बताते हैं.

क्या है मायने?

राहुल गांधी ने पीएम मोदी का नाम लेकर उनपर निशाना साधा. अकसर राहुल पीएम मोदी पर उद्योगपतियों की मदद को लेकर निशाना साधते हैं. लेकिन इस बार राहुल ने पीएम मोदी पर उन्हीं के अंदाज में निशाना साधा. उन्होंने किसी घोटाले की बात नहीं की, अडानी की बात नहीं की . राहुल गांधी को यह समझ में आ गया है कि मोदी के बारे में जनता के मन में नया नैरेटिव गढ़ने से बेहतर है कि उन्हें उनके ही अंदाज में रोका जाए.