गिरता रुपया भड़काएगा महंगाई की आग, घटेंगे रोजगार के अवसर, जानें आप पर कितना पड़ेगा असर

10
334
News Image RO NO. 13286/ 136
Advertisement Carousel

दिल्ली: रिजर्व बैंक (RBI) की कोशिश के बाद भी डॉलर के मुकाबले रुपये (Dollar Vs Rupee) में गिरावट जारी है। सोमवार को एक डॉलर की कीमत बढ़कर 81.67 रुपये पर पहुंच गई जो अब तक निम्नतम स्तर है। कमजोर रुपये का असर रसोई घर से लेकर दवा और मोबाइल खरीदने पर भी होता है। भारत कच्चा तेल समेत कई जरूरी वस्तुओं का आयात करता है जो रुपये के कमजोर होने से महंगा हो जाएगा। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर डॉलर की बढ़ती मांग और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से रुपये में गिरावट आ रही है।

ब्रिटिश पाउंड में भी ऐतिहासिक गिरावट
डॉलर के मुकाबले रुपया समेत अधिकतर विदेशी मुद्राओं में गिरावट दर्ज की गई है। ब्रिटिश पाउंड में भी ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गई है। रुपये में गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक पिछले कुछ माह में 30 अरब डॉलर से ज्यादा की राशि बाजार में डाल चुका है।
दवाएं, मोबाइल, टीवी के दाम बढ़ेंगे

भारत जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी समेत कई दवाओं का भारी मात्रा में आयात करता है। अधिकतर मोबाइल और गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो आयात महंगा हो जाएगा और आपको ज्यादा खर्च करना होगा।

रसोई के बजट पर असर

भारत 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है। कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ेगी। इससे माल ढुलाई महंगी हो जाती है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से रसोई से लेकर घर में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के सामान के दाम बढ़ सकते हैं जिससे आपकी जेब हल्की होगी। साथ ही पेट्रोल-डीजल महंगा होने से किराया भी बढ़ सकता है जिससे कहीं आना-जाना महंगा हो सकता है।

खाद्य तेल महंगा होने की आशंका

भारत खाद्य तेल का 60 फीसदी आयात करता है। इसकी खरीद डॉलर में होती है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से खाद्य तेलों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ सकते हैं।
इससे रोजगार के अवसर घटेंगे
भारतीय कंपनियां विदेश से सस्ती दरों पर भारी मात्रा में कर्ज जुटाती हैं। रुपया कमजोर होता है तो भारतीय कंपनियों के लिए विदेश से कर्ज जुटाना महंगा हो जाता है। इससे उनकी लागत बढ़ जाती है जिससे वह कारोबार के विस्तार की योजनाओं को टाल देती हैं। इससे देश में रोजगार के अवसर घट सकते हैं।

विदेश यात्रा, शिक्षा महंगी हो जाएगी

विदेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को आवास, कॉलेज फीस,, भोजन और परिवहन सबके लिए डॉलर में खर्च करना होता है। ऐसे में रुपये के कमजोर होने से उन छात्रों को पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा खर्च करना होगा।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने हिन्दुस्तान को बताया कि रुपया आने वाले दिनों में और गिरावट देखी जा सकती है। लेकिन रुपये में गिरावट को थामने के लिए आरबीआई लगातार प्रयास कर रहा है जिससे यह जल्द वापसी करेगा। गुप्ता ने कहा कि डॉलर-रुपये की दिशा मांग-आपूर्ति से तय होती है और फिलहाल डॉलर की मांग काफी अधिक है। इसके अलावा वैश्विक मंदी की आशंका और विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी से भी रुपया कमजोर हुआ है।

रुपये में गिरावट की पांच वजह

1. वैश्विक बाजार में डॉलर की मांग में तेजी

2. भारतीय बाजार से विदेशी निवेशकों की लगातार निकासी

3. वैश्विक मंदी की आशंका से घबराहट

4. रूस-यूक्रेन संकट से आर्थिक अनिश्चितता का माहौल

5. यूरोप समेत दुनिया के कई देशों में राजनीतिक उथल-पुथल

10 COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here