विधानसभा चुनाव प्रचार में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रवेश हो गया है। कांग्रेस ने इसके जरिए पोस्टर और वीडियो का उपयोग करना शुरू कर दिया है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से भूपेश सरकार की पिछले 5 वर्ष में बनाई गई योजनाओं को बताने में कांग्रेस जुटी है। मुख्य बात यह है कि जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अवतार में सामने आएंगे।
भूपेश बघेल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अवतार का नाम भरोसा रखा जाएगा। इस अवतार को किस तरह से उपयोग किया जाना है। इसको लेकर रणनीति बनाई जा रही है। चुनाव में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके मतदाताओं और मुख्यमंत्री भूपेश के बीच डायरेक्ट जुड़ने की भी तैयारी है।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस वॉर रूम की शुरुआत की थी। यहां अलग-अलग यूनिट काम कर रही हैं। इनमें ग्राउंड कैंपेन टीम, फील्ड मैनेजमेंट टीम, सोशल मीडिया प्रबंधन टीम, डाटा इंटेलिजेंस यूनिट, पॉलिटिकल इंटेलिजेंस यूनिट, फेक न्यूज मॉनिटरिंग सेल, बूथ मैनेजमेंट टीम, ट्रेनिंग डिपार्टमेंट, डिजिटल मीडिया एंड पब्लिकेशन टीम, मीडिया मॉनिटरिंग टीम, कॉल सेंटर, कनेक्ट सेंटर, स्टूडियो भी शामिल हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचाई जा सके, इसलिए अब तक 30 हजार से ज्यादा व्हाट्सऐप ग्रुप, पांच हजार ब्रॉडकास्ट के अलावा, बड़ी संख्या में आधिकारिक और ट्विटर हैंडल, यूट्यूब चैनल्स, फेसबुक पेज भी चलाए जा रहे हैं।
कांग्रेस से पहले भारतीय जनता पार्टी ने अपने डिजिटल वॉर रूम की शुरुआत की थी। भाजपा के वॉर रूम से कांग्रेस सरकार पर हमलावर कंटेंट लगातार तैयार किए जा रहे हैं।