288 लाशें, यात्रियों के बिखरे सामान, खून से सनी पटरियां और लाशों की कतार…बालासोर रेल हादसा और मौत का सन्नाटा

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बालासोर : मलबे में तब्दील ट्रेन के डिब्बे। जगह-जगह यात्रियों के बिखरे सामान। कहीं किसी का चप्पल पड़ा है तो कहीं किसी का पर्स। जगह-जगह पटरियां खून से लाल हैं। मंजर बहुत भयावह है। ट्रेन की पटरियों के बगल में कतार से लाशें पड़ी हैं। ये उन यात्रियों की हैं जिन्हें मंजिल के बजाय मौत मिली। रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चला। हर तरफ चीख-पुकार मचा हुआ था। वो चीखें सुबह शांत हो चुकी हैं। उसकी जगह है मौत का सन्नाटा। ट्रेनों के मलबों में सुबह भी कुछ लाशें सुबह भी फंसी दिखीं। कुछ जगह मानव अंग फंसे दिखे। राहत और बचाव का काम अब पूरा हो चुका है। अब पटरियों से मलबा हटाने का काम चल रहा है।

ये मंजर है भारत के अबतक के सबसे भीषण ट्रेन हादसों में से एक का। ओडिशा के बालासोर जिले का, जहां शुक्रवार शाम को तीन ट्रेनें हादसे का शिकार हो गईं। हादसे में अबतक 288 यात्रियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। 900 से ज्यादा यात्री घायल हैं। कुछ यात्री गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों का बालासोर, मयूरभंज, भद्रक, जाजपुर और कटक के अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मौत का आंकड़ा और ज्यादा बढ़ने की आशंका है।

रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन का काम पूरा हो चुका है। उन्होंने बताया, ‘रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है, अब हमने रेस्टोरेशन का काम शुरू किया है। इस रूट पर कवच सिस्टम उपलब्ध नहीं था।’

एनडीआरएफ की 3 यूनिट, ओडिशा डिजास्टर रैपिड ऐक्शन फोर्स की 4 यूनिट, 40 से ज्यादा रेस्क्यू टीम, 30 डॉक्टरों, 200 ऐंबुलेंस और 1200 से ज्यादा पुलिसकर्मी राहत और बचाव के काम में डटे थे। हादसा क्यों हुआ, ये साफ नहीं है। जांच के आदेश दे दिए गए हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी सुबह मौके पर पहुंचे।

शुक्रवार को शाम के करीब 7 बजकर 20 मिनट का वक्त हो रहा था। ओडिशा के बालासोर में बहानगर बाजार में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस की बोगियां बेपटरी हो गईं। साइड ट्रैक से शालीमार-चेन्नै कोरोमंडल एक्सप्रेस गुजर रही थी। बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस की बेपटरी हुईं बोगियां साइड ट्रैक पर कोरोमंडल एक्सप्रेस की बोगियों से टकरा गईं। इसके बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस की बेपटरी हुईं बोगियां एक दूसरे ट्रैक पर मालगाड़ी से टकरा गईं। तीन-तीन ट्रेनों की इस टक्कर ने मौत का तांडव किया। हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय लोग और इमर्जेंसी सर्विसेज के कर्मचारी मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू का काम शुरू हुआ लेकिन रात के अंधेरे में इसमें बहुत मुश्किलें आईं।

घायलों के लिए खून देने के लिए अस्पतालों में स्थानीय लोगों की कतार लगी हुई है। जिन यात्रियों की मौत हुई है, उनकी पहचान की कार्यवाही चल रही है। जो शव क्षतविक्षत हैं, उनकी पहचान में मुश्किल आएगी। ओडिशा के चीफ सेक्रटरी प्रदीप जेना ने बताया कि जिन शवों की पहचान हो जा रही है उन्हें ऑटोप्सी के बाद उनके परिजनों को सौंपा जा रहा है या उनके घरों के लिए रवाना किया जा रहा है। परिजनों का बुरा हाल है। इस दर्दनाक हादसे से पूरा देश गमगीन है। ओडिशा सरकार ने शनिवार को एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। तमिलनाडु सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित किया है।