छत्तीसगढ़ में महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के जेठ और उसके साथी पर एफआईआर दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि मंत्री के पति के बड़े भाई राजू राजवाड़े और उसके साथी राजू सिंह अंबिकापुर के प्रतीक्षा बस स्टैंड पर शराब पी रहे थे।
इन दोनों ने बस स्टैंड पुलिस चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक के साथ कहासुनी और झूमा झटकी की बात सामने आई थी। पुलिस ने बस के एक कर्मचारी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया है। बता दें कि इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामला दर्ज किया गया है।
हंगामे का वीडियो हुआ था वायरल
बता दें कि अंबिकापुर में 25 अगस्त 2024 की रात पुलिस चौकी में हंगामा हुआ था। इसके बाद इसका वीडियो जमकर वायरल हुआ। बताया जा रहा है कि बस स्टैंड पर खड़ी एक कार के चलते यात्री बस को खड़ी करने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। इससे कुछ गाड़ी फंस गई थीं।
इस पर पुलिस चौकी में तैनात हेड कॉन्स्टेबल देव नारायण नेताम ने कार हटाने के लिए कहा। यह बार कार में सवार लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने हेड कॉन्स्टेबल और बस के कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज की, इसके साथ ही उन्हें धमकाया।
कॉन्स्टेबल ने की थी शिकायत
विवाद के बाद पुलिस दोनों को चौकी लेकर गई। जहां राजू राजवाड़े ने स्वयं को मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का जेठ बताया। इसके साथ ही उनसे बात करने की बात कही। पुलिस के द्वारा दोनों लोगों का मुलाहिजा कराया इसके बाद छोड़ दिया। इस निरीक्षण की रिपोर्ट में राजू राजवाड़े और राजू सिंह नशे में पाए गए। प्रधान आरक्षक दोनों के खिलाफ गाली-गलौज और वर्दी का बैच खींचने की शिकायत की।
कोतवाली में दर्ज की गई एफआईआर
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। साथ ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम आईडी से वीडियो जारी किया। इस पर कोतवाली पुलिस ने विवाद बढ़ने पर बस कर्मचारी सूरज सिंह की शिकायत पर राजू राजवाड़े और राजू सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
हेड कॉन्स्टेबल का किया ट्रांसफर
इस मामले में पहले एसपी सरगुजा ने हेड कॉन्स्टेबल देव नारायण नेताम को लाइन अटैच कर दिया। इसके बाद इस मामले की जमकर किरकिरी हुई। इस पर एसपी ने हेड कॉन्स्टेबल को कोतवाली थाना क्षेत्र से हटाकर गांधीनगर थाने में तैनात कर दिया। बताया जा रहा है कि पहले हेड कॉन्स्टेबल ने भी शिकायत की थी, लेकिन किसी ने अपराध दर्ज नहीं किया।