हस्ताक्षर न्यूज. प्राइवेट मेडिकल कालेजों को मान्यता दिलाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो ने मेडिकल काउंसिल की ओर से गठित टीमों के रिश्वत लेकर ऐसा करने के बड़े खेल का खुलासा किया है, जिससे देशभर के चिकित्सा जगत में हड़कम्प है।
छत्तीसगढ़ में रावतपुरा मेडिकल कालेज की मान्यता में भी सीबीआई ने इसी खेल का पर्दाफाश किया है। इस मामले में केंद्रीय एजेंसी ने टीम के तीन डाक्टरों डा. मंजुप्पा सीएन, डा. चैत्रा एमएस और डा. अशोक शेलके के अलावा रावतपुरा के डायरेक्टर अतुल कुमार तिवारी, सतीश और रविचंद्र को गिरफ्तार कर बुधवार को कोर्ट में पेश कर दिया। विशेेष कोर्ट ने और पूछताछ के लिए सभी छह लोगों को पांच दिन की रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया है। उधर, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने प्राइवेट मेडिकल कालेजों को मान्यता दिलाने के लिए रिश्वतखोरी में शामिल डाक्टरों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यही नहीं, जिन कालेजों के मामले में यह बात सामने आई है, उन सभी की इस साल के लिए मान्यता भी रद्द कर दी गई है।
बता दें कि सीबीआई ने मई में एक डाक्टर को गिरफ्तार किया था, जो कर्नाटक में प्राइवेट मेडिकल कालेजों को मान्यता देने से पहले निरीक्षण करने वाली टीम का नेतृत्व कर रहा था। डाक्टर को सीबीआई ने इन तथ्यों पर अरेस्ट किया था कि कर्नाटक के एक प्राइवेट मेडिकल कालेज को निरीक्षण में ओके करने के एवज में डाक्टर को 10 लाख रुपए बतौर रिश्वत दिए गए। सीबीआई जब इसकी तह में गई तो देशभर के कई मामले सामने आने लगे। कुछ अरसा पहले सीबीआई ने पूरे देश में 40 से ज्यादा जगह छापे मारकर कई मामलों का खुलासा किया। इसमें छत्तीसगढ़ से रावतपुरा प्राइवेट मेडिकल कालेज का मामला भी आ गया। एनएमसी की ओर से यहां भेजी गई टीम में तीन डाक्टरों के अलावा सीबीआई ने संस्थान के डायरेक्टर समेत छह लोगों को अरेस्ट किया था। सभी को रायपुर में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया।