हस्ताक्षर न्यूज. भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बीमा दावा बोइंग 787 का हो सकता है. गुरुवार 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहा AI-171 टेक ऑफ के दो मिनट के भीतर क्रैश हो गया था. बताया जा रहा है कि भारत के इतिहास का सबसे अधिक 2400 करोड़ का लाइफ इंश्योरेंस और अन्य इंश्योरेंस का दावा किया जा सकता है.
इंश्योरेंस मामले के सीनियर अधिवक्ता ठाकुर आनंद मोहन सिंह ने बताया कि विमान हादसे में बीमा की रकम कई स्तर पर तय की जाएगी. पहला, विमान कंपनी ने हवाई जहाज का बीमा करा रखा होगा, बीमा कंपनी में दावा करने से उन्हें प्लेन की कीमत मिल सकती है. जैसा की बताया जा रहा है कि बोइंग 787 को टाटा ग्रुप ने अमेरिका की बोइंग कंपनी से 2100 करोड़ में प्लेन को खरीदा था. टाटा ग्रुप ने भी विमान का बीमा करा रखा होगा. जहाज 11 साल पुराना हो गया था, उस हिसाब से जहाज का हर साल मूल्य घटाकर बीमा कंपनी बीमा करती रही होगी. किसी भी हालत में जहाज का बीमा 700 करोड़ से कम का नहीं रहा होगा.
दूसरा एयरलाइन्स की घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट की प्रत्येक यात्री की टिकट पर यात्री से ही बीमा का पैसा लिया जाता है. टिकट के बीमा का दावा अलग से मृतक परिवार के लोग कर सकते है. यह रकम कम से कम 500 करोड़ से ऊपर तक जा सकती है. इसके अलावा यात्रियों के महंगे समान का भी बीमा हो सकता है, अगर उसके दस्तावेज परिवार के पास होंगे तो उसका पैसा भी बीमा कंपनी से लिया जा सकता है.
तीसरा अधिकतर यात्रियों का पर्सनल लाइफ इंश्योरेंस होने की पूरी संभावना है. बीमा कंपनी से पर्सनल लाइफ इंश्योरेंस का दावा किया जा सकता है. इस रकम की गणना करना मुश्किल है फिर भी यह बीमा राशि कई सौ करोड़ की हो सकती है.
अधिवक्ता आनंद का कहना है कि पायलट और कैबिन क्रू का बीमा भी टाटा ग्रुप ने अलग से करा रखा होगा. यह राशि भी करोड़ों मे हो सकती है.कई स्तरों पर बीमा का दावा विमान हादसे के पीड़ित परिवार कर सकते है. इस बात की भी पूरी संभावना है कि बहुत से मामले लिटिगेशन में भी जा सकते है.