CG में 411 करोड़ का घपला करने वाले अफसर गिरफ्तार, EOW ने लिया एक्शन

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में घोटालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। 411 करोड़ रुपये के सीजीएमएससी घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू ने 5 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। इन सभी अधिकारियों को पूछताछ के लिए शुक्रवार को EOW के ऑफिस बुलाया गया है। रायपुर के स्पेशल कोर्ट में इन सभी को पेश किया गया है। अधिकारियों ने घोटाला करते हुए 8 रुपये का ट्यूब 2,352 में और 5 लाख की मशीन 17 लाख में खरीदी थी। जिसके बाद यह घोटाला उजागर हुआ था।

ईओडब्ल्यू ने स्वास्थ्य विभाग के दो जीएम समेत विभाग के डेप्युटी डायरेक्टर समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। CGMSC महाप्रबंधक (उपकरण) के पद पर रहे बसंत कुमार कौशिक, जीएम (उपकरण) कमलकांत पाटनवार, बायोमेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बांधे, छिरोद रौतिया और स्वास्थ्य विभाग स्टोर इंचार्ज डॉ अनिल परसाई को गिरफ्तार किया गया है।

क्या है घोटाला
दरअसल, छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन (CGMSC) में करोड़ों के रीएजेंट खरीदी में घोटाले का मामला सामने आया था। इस घोटाले का खुलासा ऑडिट के बाद सामने आया था। CGMSC घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों ने सरकार को 411 करोड़ रुपये का कर्जदार बना दिया था। इस मामले में कई अधिकारियों की मिलीभगत थी। अधिकारियों ने महज 27 दिनों में 750 करोड़ रुपये के सामान की खरीदी कर ली थी।

इस केस में मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को भी ईओडब्ल्यू ने रिमांड पर लिया है। अधिकारियों ने 8 रुपये में मिलने वाला ट्यूब 2,352 रुपये और 5 लाख वाली सीबीएस मशीन को 17 लाख में खरीदा था। मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने 300 करोड़ रुपये के रीएजेंट भी खरीदे थे।

कैसे सामने आया घोटाला
दिसंबर 2024 में छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने पीएमओ, केंद्रीय गृहमंत्री कार्यालय, सीबीआई, ईडी को लेटर लिखा था था। जिसमें उन्होंने इस घोटाले को उजागर किया था। ननकीराम कंवर की शिकायत के बाद केंद्र सरकार ने ईओडब्ल्यू को मामले की जांच के निर्देश दिए थे। इसके बाद EOW की टीम ने 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है।