रायपुर। निकाय चुनाव की वोटिंग हो चुकी है। जिला प्रशासन ने बताया कि यहां वोटिंग प्रतिशत 49.55% रहा। तो समझिए कि 4 लाख से अधिक लोग वोट डालने ही नहीं गए। ये आंकड़ा इस वजह से क्योंकि
रायपुर नगर निगम में आने वाले 70 वार्डों में कुल मतदाताओं की संख्या 10 लाख 36 हजार 118 है। इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 5 लाख 18 हजार 954 तथा महिला मतदाताओं की संख्या 5 लाख 16 हजार 908 है। तृतीय लिंग मतदाताओं की संख्या 256 है। 1095 मतदान केन्द्र बनाए गए थे।
वोटिंग सेंटर जाने वाले भी कई लोग वोट नहीं डाल पाए। ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि कई सेंटर्स से लोगों के नाम कटे हुए थे। परिसीमन की वजह से ये भी हुआ कि एक परिवार से 4 लोगों को 4 अलग-अलग सेंटर भेजा गया। कई जगह सुबह मशीनें खराब होने की वजह से विवाद के हालात बनें।
अब इन कारणों से प्रदेश के पूर्व CM भूपेश बघेल का गुस्सा फूटा है।रायपुर में मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा- नगरीय निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए, लेकिन परिसीमन की गलतियों के कारण मतदाताओं को परेशानी उठानी पड़ी। कई लोगों के मतदान केंद्र बहुत दूर थे, जिससे वोट प्रतिशत में गिरावट आई। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 90 से 100 जगहों पर ईवीएम खराब हुईं, जिससे मतदान प्रभावित हुआ।
भड़के वकील ने कह दिया केस करूंगा
रायपुर के इंद्रावती कॉलोनी निवासी एडवोकेट हितेंद्र तिवारी वोटिंग की समस्या से जूझे, उन्होंने कहा- मेरा परिवार पं. रविशंकर शुक्ल वार्ड में रहता है। वे हर बार नूतन स्कूल में वोटिंग करते हैं। लेकिन इस बार उनका नाम ही नहीं था। उन्होंने शांति नगर स्कूल, बीपी पुजारी स्कूल समेत वार्ड के अन्य सभी मतदान केंद्रों में पहुंचकर अपना नाम ढूंढा, लेकिन कहीं नहीं मिला। जिससे पूरा परिवार वोट नहीं डाल सका।
हितेंद्र तिवारी रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने बताया कि, उनके कॉलोनी के रहने वाले 20 से अधिक लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं है। उन्हें वोटिंग के अधिकार से वंचित किया गया है। इसके खिलाफ वे हाईकोर्ट में याचिका भी दायर करेंगे।