हस्ताक्षर न्यूज. महापौर मीनल चौबे को समझ मे ही नहीं आ रहा है कि शहर की कालोनी में घुस रहे पानी को किस तरह से रोका जाए. महापौर ने अपनी पार्षदों की टीम के साथ बैठकर मंथन किया. फिर अफसरों की टीम के साथ बैठी. लेकिन फिर भी समझ मे नही आया कि बरसाती पानी को लोगों के घरों में जाने से कैसे रोके.
जब कोई उपाय नहीं समझ मे आया तो नगर निगम के पुराने कद्दावर नेताओं को न्योता भेज कर बुलाया. बुधवार की दोपहर व्हाइट हाउस के मीटिंग हॉल में सब पहुंचे. पूर्व महापौर किरण मयी नायक, प्रमोद दुबे, एजाज ढेबर, पूर्व सभापति संजय श्रीवास्तव, नेता प्रतिपक्ष सुभाष तिवारी, प्रफुल विश्वकर्मा सहित कई नेता शहर की बाढ़ से निपटने के सुझाव देने लगे. पूर्व महापौर ने अपने अनुभव से कहा कि अब जब चिड़िया खेत चुग गयी तब उपाय करने से क्या फायदा. गर्मी में बारिश के पहले हम लोग नालों की सफाई कराते रहे है. नाले साफ़ रहने से पानी का भराव नहीं होता. अब क्या कर लेंगे.
पुराने अफसरों को भी बुलाना था…..
पूर्व पदाधिकारियों ने बताया कि अनेक अफसर सेवा निवृत्त हो चुके है. उनके पास अनुभव है, मैडम को उन्हें भी बुलाना चाहिये था. कुछ पार्षद ऐसे है जो चार से पांच बार जीत चुके है उन्हें भी बुलाना था…तब कहीं जाकर बात बनती….
एमआईसी तक पर मैडम को भरोसा नहीं
इतनी बड़ी बैठक मे महापौर ने अपनी ही टीम के मेंबरों को नहीं बुलाया. पूर्व पार्षद मनोज ने बताया कि ये केवल दिखावा करने के लिये बुलायी गयी बैठक थी. मीडिया मे छपवाना था. शहर के लिये नहीं मीडिया मे दिखावे के लिये मीटिंग बुलायी गयी थी…..