एयर लिफ्ट करके लाया जा रहा शहीद एएसपी आकाश गिरपुंजे के पार्थिव शरीर को राजधानी, रायपुर के ही रहने वाले थे आकाश

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एसडीपी भानु प्रताप और टीआई सोनल बुरी तरह से घायल,  लाया जा रहा रायपुर 

हस्ताक्षर न्यूज. कोन्टा-एर्राबोरा मार्ग पर डोंड्रा के पास हुए IED विस्फोट में शहीद हुए एएसपी आकाशराव गिरपुंजे रायपुर के निवासी थे। उनके पार्थिव शरीर को रायपुर लाया जा रहा है।

बारूदी धमाके में कोंटा एसडीपी कोंटा भानुप्रताप चंद्राकर और टीआई कोंटा सोनल ग्वाला भी घायल हुए हैं। इन्हें भी इलाज के लिए रायपुर लाया जाएगा। सीएम विष्णुदेव ने एएसपी गिरपुंजे की शहादत को नमन किया है। उन्होंने कहा कि एएसपी गिरपुंजे की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी, बस्तर में नक्सलवाद का समूल नाश कर दिया जाएगा।

नक्सल धमाके में शहीद 42 वर्षीय आकाश राव गिरपून्जे रायपुर जिले के निवासी थे और 2013 बैच के सीधी भर्ती डीएसपी थे। वे वर्ष 2024 से कोन्टा के एएसपी के रूप में सेवा दे रहे थे। वे छत्तीसगढ़ पुलिस के सबसे साहसी योद्धाओं में से एक थे, जिन्होंने मानपुर-मोहला और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दीं।धमाके में घायल अन्य अधिकारी एसडीओपी चंद्राकर एवं टीआई ग्वाला खतरे से बाहर हैं और उन्हें बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा केंद्र में एयरलिफ्ट किया जा रहा है। एएसपी गिरपून्जे के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार एवं गार्ड ऑफ ऑनर हेतु रायपुर लाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन, पुलिस मुख्यालय, समस्त नागरिक एवं पुलिस परिवार इस शोक की घड़ी में शहीद आकाश राव गिरपून्जे के परिजनों के साथ दृढ़ता से खड़ा है। उनका बलिदान हमारी इस प्रतिबद्धता को और भी मजबूत करेगा कि हम भाकपा (माओवादी) जैसे क्रूर एवं षड्यंत्रकारी संगठन का समूल नाश करें।

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि सुकमा जिले के कोंटा में एएसपी गिरपुंजे के शहीद होने की सूचना प्राप्त हुई है। यह अत्यंत ही दु:खद है। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूँ।इस कायरतापूर्ण हमले में कुछ अन्य अधिकारी व जवानों के भी घायल होने की खबर है। अधिकारियों को घायलों के समुचित इलाज हेतु निर्देश दिए हैं।सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के ख़िलाफ़ सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है और उसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखला कर नक्सली इस तरह की कायराना करतूत को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जायेगा।