हस्ताक्षर न्यूज. छत्तीसगढ़ के तक़रीबन 5 लाख सरकारी अफसर-कर्मचारियों के लिए अहम खबर है कि अब वे शेयर और डिबेंचर ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग और म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्टमेंट नहीं कर पाएंगे, क्योंकि ऐसे तमाम निवेश राज्य सरकार के अमले के लिए बैन कर दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन ने सरकारी कर्मचारियों के ऐसे किसी भी इन्वेस्टमेंट को अवचार (मिसकंडक्ट) मानते हुए भ्रष्टाचार की श्रेणी में ला दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव रजत कुमार ने इस आशय का आदेश जारी किया है, जिसका छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशन भी कर दिया गया।
इस आदेश ने सरकारी अमले में खलबली मचा दी है, क्योंकि समझा जा रहा है कि शेयर ट्रेडिंग और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने वाले सरकारी अफसर-कर्मचारियों की बहुत बड़ी संख्या है। दरअसल राज्य की इन्वेस्टिगेशन एजेंसीज अफसर-कर्मचारियों पर लगातार छापेमारी कर रही हैं और अधिकांश छापों में शेयर-म्यूचुअल फंड्स के साथ-साथ क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने के दस्तावेजी प्रमाण भी मिलते रहे हैं। शासन का मानना है कि अलग-अलग स्रोतों से आए कैश को घर-दफ्तर से इस तरह से इन्वेस्ट करके ग़ायब कर देने की दुष्प्रवृत्ति के अब ज़्यादा प्रमाण मिल रहे हैं। इस पर रोक लगाने के बाद अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि जिन्होंने शेयर, म्यूचुअल फंड्स, सिक्योरिटीज और क्रिप्टो में धन लगा रखा है, उसका क्या करना है