बीजापुर: नक्‍सल अटैक में शहीद जवानों को सीएम विष्‍णुदेव साय ने दी श्रद्धांजलि

0
54
News Image RO NO. 13286/ 136
Advertisement Carousel

बीजापुर: छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर में आईईडी ब्‍लास्‍ट में शहीद 8 जवान समेत एक ड्राइवर को श्रद्धांजलि दी गई। सीएम विष्‍णुदेव साय आज दंतेवाड़ा पहुंचे हैं। जहां शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे।

सीएम साय ने कहा कि नक्‍सली विचलित होकर कायराना हरकत कर रहे हैं। बीजापुर की यह घटना दुखद है। दंतेवाड़ा में सुबह 10.50 बजे से 11.30 बजे तक पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। जहां शहीद जवानों को श्रद्धांजल‍ि अर्पित की गई।

बीजापुर में नक्‍सली हमले में 8 जवान, एक ड्राइवर शहीद

6 जनवरी 2025 को बीजापुर के कुटरू थाना अंबेली गांव में नक्‍सलियों ने बड़ी कायराना हरकत की। नक्सली हमले में 8 जवान और 1 ड्राइवर शहीद हो गए। ये सभी दंतेवाड़ा के डीआरजी जवान अबूझमाड़ से सर्चिंग कर लौट रहे थे। इस दौरान 9 गाड़ियों का काफिला एक साथ चल रहा था। 7 गाड़ियां निकल गई थीं, 8वीं गाड़ी में ब्लास्ट हुआ।

डीआरजी के ये जवान हुए शहीद

कोरसा बुधराम

सोमडू वेंटिल

दुम्मा मड़काम

बमन सोढ़ी

हरीश कोर्राम

पण्डरू पोयम

सुदर्शन वेटी

सुभरनाथ यादव

एक ड्राइवर

कौन होते हैं DRG जवान ?

DRG यानी डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड के नाम से इनको जाना जाता है। इसका गठन 2008 में किया गया था। DRG के गठन के बाद यह नक्‍सलियों का सबसे बड़ा दुश्‍मन बन गया। इस पुलिस फोर्स का गठन सबसे पहले नारायणपुर जिले में हुआ था। इसमें आखिरी भर्ती 2013 में सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर में की गई थी। फिलहाल डीआरजी में करीब 2 हजार जवान हैं। डीआरजी में लोकल लोगों को भर्ती किया जाता है। जिनको भाषा, बोली और जंगल के बारे जानकारी रहती है। डीआरजी में सरेंडर करने वाले नक्सली भी शामिल रहते हैं। ये जवान गुरिल्ला लड़ाई में माहिर होते हैं। डीआरजी जवान छोटे-छोटे समूह में रहकर ऑपरेशन को अंजाम देते हैं।

इसलिए अंबेली गांव के ग्रामीणों ने उठाए हथियार

बताया जाता है कि अंबेली गांव के लोग लाल आतंक  से परेशान हो गए थे। इसके विरोध में 4 जून 2004 को ग्रामीणों ने हथियार उठा लिए। लाल आतंक से परेशान ग्रामीण 2 नक्सलियों को पकड़कर थाने ले गए थे। जहां ग्रामीणों ने पुलिस से कहा तुम सजा दोगे या हम निपटा दें। इस घटना के बाद स्वस्फूर्त आंदोलन सलवा जुडूम की शुरुआत हुई। जो कि नक्सलवाद के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन था। अब इसी गांव में नक्‍सलियों ने IED ब्लास्ट किया है।