एक्टर मनोज कुमार का निधन, नहीं रहे भारत कुमार कहे जाने वाले कलाकार, जानिए जिंदगी से जुड़ा दिलचस्प किस्सा

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रायपुर । फिल्मी गलियारों से एक बुरी खबर सामने आ रही है। सिनेमा जगत को तीन दशक में ढेरों सुपरहिट देने वाले दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार अब इस दुनिया में नहीं रहे।भारत कुमार कहे जाने वाले मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। वह कुछ दिनों से मुंबई स्थित एक अस्पताल में भर्ती थे।

मनोज कुमार के जाने से फिल्मी दुनिया को एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने जब तक बड़े पर्दे पर काम किया, तब तक उन्हें जनता के दिलों पर राज किया है। उनका जाना वाकई एक बड़ी क्षति है। उन्होंने भले ही दो दशक पहले आखिरी फिल्म की हो, लेकिन उनकी फिल्मों का असर हमेशा दर्शकों पर रहा है।

मनोज कुमार के निधन का कारण
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनोज कुमार का निधन शुक्रवार की सुबह हुआ है। उन्हें हार्ट से रिलेटेड कॉम्प्लीकेशंस की वजह से कोकिलाबेन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल द्वारा जारी किए गए मेडिकल सर्टिफिकेट के मुताबिक, निधन का दूसरा कारण डीकंपेंसेटेड लिवर सिरोसिस है।

मनोज कुमार के निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। फैंस के साथ-साथ सेलिब्रिटीज भी दुख जाहिर कर रहे हैं। फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने भी दिग्गज अभिनेता के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा, “मनोज कुमार जी, जो दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित थे और हमारी प्रेरणा थे, अब हमारे बीच नहीं रहे। यह फिल्म उद्योग के लिए बहुत बड़ी क्षति है और पूरी इंडस्ट्री उन्हें याद करेगी।”

क्यों कहा गया मनोज को भारत कुमार?

24 जुलाई 1937 को जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था। यूं तो उन्होंने बड़े पर्दे पर कई किरदारों में जान डाली है, लेकिन उन्हें देशभक्ति से भरी फिल्मों के लिए ज्यादा पहचान मिली है। इसी वजह से उन्हें भारत कुमार कहा जाता था।

यहां हम आपको उनकी एक ऐसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं, जिसकी कहानी उन्होंने मात्र 24 घंटे में लिखी. इस फिल्म को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने बनाने के लिए कहा था.

साल 1965 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था. इस दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था. भारत ने इस युद्ध में जीत हासिल की थी. इस जीते के बाद इत्तेफाक से लाल बहादुर शास्त्री और मनोज कुमार की दिल्ली में मुलाकात हुआ. इस मुलाकात में लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें जवान और किसान को मिलाकर एक फिल्म बनाने की सलाह दी थी.
दरअसल, मनोज कुमार साल 1965 में दिल्ली में फिल्म शहीद की स्क्रीनिंग में शामिल हुए थे. इसी स्क्रीनिंग में लाल बहादुर शास्त्री भी शामिल हुए थे. दोनों की मुलाकात हुई और लाल बहादुर शास्त्री ने बातों बात में कहा कि वह सेना और समाज पर फिल्में बनाते हैं, लेकिन देश का भरण-भोषण करने वाले-अन्न देने वाले किसानों पर कभी फिल्म ने नहीं बनाते.

मनोज कुमार ने 24 घंटे में लिखी थी फिल्म की कहानी
मनोज कुमार, लाल बहादुर शास्त्री की बात से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने तुरंत उन्हें वादा कर दिया कि वह अन्न पैदा करने वाले किसानों पर फिल्म बनाएंगे. इस मुलाकात के बाद वह दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हुए. इस 24 घंटे के सफर में उन्होंने सेना और किसान पर फिल्म की कहानी लिख दी और इसका नाम ‘उपकार’ रखा.

ब्लॉकबस्टर हुई थी मनोज कुमार की ‘उपकार’
साल 1967 में रिलीज हुई उपकार में मनोज कुमार के साथ आशा पारेक, प्राण और प्रेम चोपड़ा समेत कई प्रतिभाशाली कलाकार थे. फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई. इस फिल्म ने उस वक्त 6.80 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी. इसकी आईएमडीबी रेटिंग 7.6 है. फिल्म का गाना ‘मेरे देश की धरती’ एवरग्रीन बना. आज भी हिट है. 15 अगस्त और या 26 जनवरी या फिर कोई भी देशभक्ति से भरा कार्यक्रम, सब में यह गाना आज भी खूब बजता है. इस गाने को महेंद्र कपूर ने गाया था.