हस्ताक्षर न्यूज. महादेव सट्टा मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अब अपनी जांच तेज कर दी है। सीबीआई की जांच टीम ने रायपुर में कैंप बना लिया है।
पुलिस ऑफिसर्स मेस में जांच टीम ने पूछताछ के लिए लोगों को बुलाना शुरू कर दिया है। बीते दो दिनों में सीबीआई के जांच अफसरों ने एक आईपीएस और एक एडिशनल एसपी स्तर के अफसर को पूछताछ के लिए बुलाया। उनसे करीब 8 घंटे पूछताछ की गई और फिर बयान लेकर छोड़ दिया। इन दो अफसरों पर महादेव के प्रमोटर्स को प्रोटेक्शन देने का आरोप है। जांच अधिकारी उन्हें फिर से पूछताछ के लिए बुलाएंगे।
सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 150 पुलिस अफसरों, कर्मचारियों और कांग्रेस से जुड़े नेताओं को नोटिस दिया गया है। प्रोटेक्शन मनी और हवाला की रकम के लेन देन को लेकर ये जांच चल रही है।
छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप केस की एफआईआर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की थी। इस केस की जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। सीबीआई ने इस पर एफआईआर कर जांच शुरू की। इसके बाद हड़कंप मचा। अब सीबीआई ने जांच शुरू की तो अफसरों से पूछताछ हुई।
EOW ने महादेव केस में एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी आरोपी बनाया था। इसके अलावा कई कांग्रेस नेताओं, पुलिस कर्मियों का नाम था।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा ऐप केस में ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज की थी। पिछले साल ठीक लोकसभा चुनाव से पहले ब्यूरो ने यह एफआईआर की थी। इसमें भूपेश बघेल के खिलाफ आईपीसी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र, और जालसाजी से संबंधित अलग-अलग धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत आरोप लगाए गए थे। एफआईआर में पूर्व मुख्यमंत्री अलावा महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत 16 अन्य लोगों का नाम शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट में रकम देकर प्रोटेक्शन के मामले में महादेव सट्टा ऐप की अवैध गतिविधियों को अनुमति देने के लिए राज्य सरकार के शीर्ष स्तर के पदाधिकारियों की संलिप्तता का खुलासा करता है।