रिफंड कितने दिन में मिलता है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी है, कि आयकर विभाग ने प्रोसेसिंग सिस्टम को काफी हद तक ऑटोमेट कर दिया है, जिससे अब औसतन 10 दिन में रिफंड जारी हो रहा है. लेकिन कई टैक्स विशेषज्ञों का कहना है, कि यह केवल औसत समय है – कुछ लोगों को 3-5 दिन में भी रिफंड मिल जाता है, जबकि कुछ मामलों में जांच या तकनीकी कारणों से हफ्तों या महीनों तक भी देरी हो सकती है.
किन कारणों से रिफंड में देरी हो सकती है?
ई-वेरिफिकेशन नहीं होना (No E-Verification)
सिर्फ आईटीआर फाइल करना ही काफी नहीं है, जब तक आप ई-वेरिफाई नहीं करते, प्रोसेसिंग शुरू नहीं होगी.
पैन और आधार लिंक न होना (Pan And Aadhaar Not Linked
अगर आपका पैन और आधार आपस में लिंक नहीं हैं, तो सिस्टम आपकी फाइल को आगे नहीं बढ़ाता है.
टीडीएस और आईटीआर डेटा के बीच अंतर (Difference Between TDS And ITR Data)
अगर फॉर्म 26 एएस (Form 26AS) या एआईएस (AIS) में दिखाए टैक्स डिटेल्स और आईटीआर में भरे गए आंकड़े मेल नहीं खाते, तो मामला स्क्रूटनी में जा सकता है.
गलत बैंक डिटेल्स (Wrong Bank Details)
रिफंड सीधे खाते में आता है, ऐसे में अगर आपने गलत अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड (IFSC Code) डाला है, तो ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है.
आईटी विभाग की पूछताछ का जवाब न देना (Non-Response To IT Department Queries)
अगर विभाग ने कोई नोटिस भेजा है, और आपने समय पर जवाब नहीं दिया, तो रिफंड रोका जा सकता है.
रिफंड में देरी से बचने के लिए क्या करें?
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- आईटीआर फाइल करने के तुरंत बाद ई-वेरिफिकेशन जरूर करें, ई-वेरिफिकेशन के बिना रिटर्न प्रोसेसिंग शुरू नहीं होती है.
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- पैन और आधार लिंक की स्थिति जांचें, अगर लिंक नहीं हैं, तो तुरंत लिंक कराएं, वरना रिफंड में अड़चन आ सकती है.
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- टीडीएस, आय और अन्य विवरण सही भरें, सभी जानकारियों को फॉर्म 26 एएस या एआईएस से मिलान करके भरें ताकि कोई गड़बड़ी न हो.
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- बैंक डिटेल्स सावधानी से भरें, जैसे अकाउंट नंबर और आईएफएससी कोड, क्योंकि रिफंड सीधे उसी खाते में आता है.
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- विभाग के ईमेल या नोटिस का समय पर जवाब दें, अनदेखी करने पर आपकी रिफंड प्रक्रिया रुक सकती है.
इन आसान लेकिन ज़रूरी उपायों को अपना कर आप रिफंड में अनावश्यक देरी से बच सकते हैं और समय पर पैसा पा सकते हैं.
रिफंड में देरी होने पर टैक्सपेयर्स के कानूनी अधिकार
6% सालाना ब्याज (6% Interest Per Annum)
अगर रिफंड 30 दिन में नहीं मिलता, तो विभाग को रिफंड की रकम पर 6% सालाना ब्याज देना होता है.
शिकायत दर्ज कराने का अधिकार (Right To Lodge A Complaint)
जानबूझकर देरी होने पर आप सीबीडीटी (CBDT) या विभाग के सीनियर अधिकारी से शिकायत कर सकते हैं.
रिफंड की स्थिति ट्रैक करें (Track Refund Status)
आप इनकम टैक्स के पोर्टल incometax.gov.in/iec/foportal/ या एनएसडीएल (NSDL) पोर्टल पर जाकर रिफंड स्टेटस चेक कर सकते हैं.
ई-निवारण प्रणाली का इस्तेमाल करें (Use E-Redressal System)
अगर बार-बार देरी हो रही है, तो आयकर विभाग की ई-निवारण (e-Nivaran) वेबसाइट या पोर्टल के जरिए शिकायत दर्ज कर सकते हैं.
हाईकोर्ट में रिट याचिका (Writ Petition In High Court)
अगर तमाम प्रयासों के बाद भी रिफंड नहीं मिलता, तो आप हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर सकते हैं. ऐसे कई मामलों में अदालत ने टैक्सपेयर्स के पक्ष में फैसला सुनाया है.
- आईटीआर फाइलिंग के बाद रिफंड में देरी आम बात है, लेकिन कई बार यह देरी टैक्स पेयर्स की छोटी-छोटी गलतियों की वजह से होती है. इसलिए सावधानी बरतें, सभी दस्तावेज़ सही भरें और ई-वेरिफिकेशन समय पर करें. अगर फिर भी रिफंड नहीं आता, तो आप अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके समाधान पा सकते