स्टील पेटी मर्डर कांड में वकील दंपति के साथ दो युवक भी थे शामिल, 30 लाख रुपये के लिये मार दिया किशोर पैकरा को

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हस्ताक्षर न्यूज. इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के आउटर में स्टील ट्रंक में सूटकेस के अंदर सीमेंट से लिपटी मिली हांडीपारा निवासी 58 साल के किशोर पैकरा की लाश और हत्याकांड का खुलासा हो गया।

एसएसपी डॉ लाल उमेद सिंह ने बताया कि पैकरा का मर्डर रायपुर में वकालत करने वाले अंकित उपाध्याय और वकील पत्नी शिवानी शर्मा ने किया। पैकरा इनका क्लाइंट था और दोनों ने उससे लगभग 30 लाख रुपए लेकर खर्च कर रहे थे। पैकरा ने रकम वापसी के लिए दबाव बनाया, तब अंकित और शिवानी ने उसे रास्ते से हटाने का प्लान बना लिया। आरोपियों ने सबसे पहले इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में किराए का मकान लिया। पैकरा को वहां बहाने से ले जाकर हत्या कर दी गई। उसकी लाश को ठिकाने लगाने के लिए अंकित और शिवानी ने दो युवकों विनय यदु और सूर्यकांत यदु की मदद ली। एसएसपी ने बताया कि चारों गिरफ्तार कर लिए गए हैं और 24 घंटे में सारे सबूत भी मिल गए। वारदात में इस्तेमाल अल्टो कार, दो दोपहिया  तथा पाँच मोबाईल फोन जब्त कर लिए गए हैं

इस ब्लाइंड मर्डर की पड़ताल में लगी पुलिस की भारी भरकम टीम को सबसे पहले ये सूचना मिली कि  इन्द्रप्रस्थ कालोनी के डी ब्लॉक से चार लोग अल्टो में  एक बड़े स्टील ट्रंक को ले गये है। कैमरों में नज़र आई गाड़ी के नंबर से पुलिस को अंकित का नाम मिला और पता चला कि उसने ये सेकंड हैंड आल्टो एक माह पहले ख़रीदी थी। इसके बाद ट्रंक का पता लगाते हुए पुलिस गोलबाजार की एक दुकान पर पहुंची। दुकानदार ने बताया कि ट्रंक का पेमेंट ऑनलाइन हुआ है। इसकी जांच में पुलिस को शिवानी का डिटेल मिला। जिस ऑटो ड्राइवर ने स्टील ट्रंक पहुंचाया था, उससे अंकित और शिवानी द्वारा लिए गए किराए के घर का पता भी मिला और फिर कड़ियां जुड़ती चली गईं।

एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में वकील अंकित ने जुर्म का पूरा तरीका बताया। आरोपी अंकित उ ने बताया कि वह पेशे से वकील होने के साथ ही जमीन, मकान खरीदी-बिक्री का काम करता है। मृतक किशोर पैकरा निवासी हाण्डीपारा इसका पक्षकार था। पैकरा ने आजाद चौक स्थित अपने मकान को खरोरा के चंद्रप्रकाश कुर्रे को 2015-16 में 50 लाख रूपये में बेचा था पर क़ब्ज़ा देने के बजाय कोर्ट चला गया। वहीं अंकित से उसकी मुलाक़ात हुई। अंकित ने पैकरा से कहा कि वह हाईकोर्ट से उसके उक्त मकान को वापस दिला देगा और इसके एवज में आरोपी अंकित उपाध्याय अलग – अलग किश्तों में अलग – अलग कार्य के नाम से पैसा लेता था। उसने पैकरा के बजरंग नगर के मकान को 30 लाख रूपये में बेच दिया। यह रकम अंकित ने खर्च कर दी थी। पैकर यही रकम माँग रहा था। इससे अंकित उपाध्याय परेशान हो गया। उसने सारी बात शिवानी को बताई, इसके बाद दोनों ने हत्या की प्लानिंग कर ली। इसके लिए किराए का मकान लिया गया।

अंकित उपाध्याय 21 जून को पैकरा के घर हाण्डीपारा आजाद चौक गया तथा उसे सफाई और रहने के नाम से किराए के घर ले गया। मकान में जाते ही अंकित ने पैकरा को पटका और गला दबा दिया। शिवानी पैरों को पकड़े हुए थी। इसी बीच अंकित ने पैकरा के गले पर भी चाकू से वार किए। मौत होने के बाद दोनों वहां से चले गए। शाम को फिर जाकर दोनों ने खून पोछा, फिर शव को लाल ट्रॉली बैग में भर दिया। अगले दिन स्टील ट्रंक खरीदा। शव से बदबू आने लगी तो सूटकेस में सीमेंट भरकर बंद किया। इसे पेटी में डाल दिया गया। अगले दिन सुबह करीबन एक 8 बजे दोनों फिर कालोनी के रूम में गए। अंकित उपाध्याय, सूर्यकांत यदु एवं विनय यदु मिलकर स्टील ट्रंक को नीचे लाकर आल्टो से इंद्रप्रस्थ कॉलोनी के आउटर में फेंक गए। अंकित ने आल्टो डेंटिंग पेंटिंग के लिए छोड़ दी। शाम को अंकित और शिवानी फ्लाइट से दिल्ली गए और एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिए गए।