बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में एक दुखद घटना हुई। गुरुवार को एक जंगली हाथी ने एक 35 वर्षीय व्यक्ति को कुचल कर मार डाला।
पुलिस के अनुसार महेंद्र गोंड नाम का यह व्यक्ति घाघरा गांव में अपने खेतों की निगरानी करने गया था। उसके साथ गांव के तीन और लोग भी थे। तभी एक हाथी ने उसे अपनी सूंड से पकड़ लिया और उसे कुचल दिया। बाकी ग्रामीण हाथी को देखकर भागने में सफल रहे। पुलिस और वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
पहले भी हुए जंगली हाथियों के हमले
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतक के परिवार को तत्काल 25,000 रुपये की राहत राशि दी गई है। बाकी 5.75 लाख रुपये की मुआवजा राशि जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद दी जाएगी। बलरामपुर में हाथियों का आतंक लगातार जारी है। सोमवार को रामानुजगंज इलाके में दो अलग-अलग हाथी हमलों में दो लोगों की जान चली गई थी और एक व्यक्ति घायल हो गया था। बुधवार को शंकरगढ़ इलाके में भी एक महिला हाथी के हमले में मारी गई थी।
5 साल में 320 लोगों ने गंवाई जान
छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी संघर्ष एक बड़ी समस्या है। पिछले दशक में उत्तरी छत्तीसगढ़ में ऐसी घटनाएं ज्यादा होती थीं। लेकिन अब पिछले कुछ सालों में मध्य क्षेत्र के कुछ जिलों में भी ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले हैं: सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर, महासमुंद, धमतरी, गरियाबंद, बालोद, बलरामपुर और कांकेर। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले पांच सालों में राज्य में हाथी हमलों में लगभग 320 लोगों की जान जा चुकी है। यह आंकड़ा चिंताजनक है और इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।