पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने समंस भेजकर शनिवार को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस बात का हल्ला उड़ने के बाद भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया सामने आई। बघेल ने बताया कि कोई नोटिस नहीं मिला है। इसलिए नहीं जाएंगे। नोटिस मिलेगा तो जरूर जाएंगे। उन्होंने बताया कि ED मीडिया मंे हाइप क्रिएट करने का काम करती है। ये सब भाजपा वालों की साजिश है। ED ने प्रदेश में हुए शराब घोटाले में चैतन्य को आरोपी मानते हुए भिलाई स्थित निवास में छापेमारी की थी।
कौन हैं चैतन्य बघेल?
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे होने के आलवा भी चैतन्य को जाना जाता है। चैतन्य बघेल के क़रीबियों के मुताबिक़, चैतन्य ने रायपुर के महर्षि विद्या मंदिर से शुरुआती पढ़ाई की.
फिर भिलाई स्थित शंकराचार्य विश्वविद्यालय से बी.कॉम. और भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एमबीए किया. मगर, राजनीति में उनकी एंट्री प्लानिंग स्टेज के आगे कभी नहीं बढ़ पाई.
वैसे कहने को तो चैतन्य बघेल पूर्व मुख्यमंत्री और भूपेश बघेल के बेटे हैं. कांग्रेस से जुड़े हैं, मगर उन्होंने अब तक पार्टी में कोई आधिकारिक पद नहीं लिया है.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, “चैतन्य का राजनीति में प्रवेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान होना था, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व में अनबन के कारण यह प्लान ज़मीन पर नहीं उतर पाया.”
उन्होंने बताया, “पिछले लोकसभा चुनावों में जब भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से उतारा गया था, तब भी चैतन्य बघेल को उनके पिता की सीट पाटन विधानसभा से उतारने पर चर्चा हुई थी. मगर, परिस्थितियां उस वक़्त भी अनुकूल नहीं बन पाई थी.”
क्या करते हैं चैतन्य बघेल?
राजनीति में रुचि के अलावा चैतन्य बघेल अपने परिवार की खेती-किसानी संभालते हैं.
इसके अलावा, रियल एस्टेट का व्यापार करते हैं. दुर्ग जिले के भिलाई शहर में उनकी कंपनी अब तक दो आवासीय कॉलोनियां विट्ठलपुरम और विट्ठलग्रीन्स बना चुकी है.
साल 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश के बेटे चैतन्य बघेल पर राज्य को लूटने का आरोप लगाया था.
पीएम मोदी ने कहा था कि, कांग्रेस के शासनकाल में चैतन्य बघेल “सुपर सीएम” की तरह काम कर रहे थे और प्रदेश में एक बिज़नेस रैकेट चला रहे थे.
पीएम मोदी ने कहा था, “इनके बेटे (चैतन्य बघेल) ने “सुपर सीएम” के तरह काम करते हुए जनता पर ऐसे अत्याचार किए हैं कि मुख्यमंत्री के लिए विधायक के रूप में चुना जाना भी मुश्किल हो गया है.”
साल 2022 में शादी करने वाले चैतन्य बघेल ईडी की रेड के पहले सितंबर 2024 में चर्चा में आए थे. उस समय छत्तीसगढ़ पुलिस ने उनको एक प्रोफ़ेसर पर हुए हमले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था.