रायपुर: अरुणपति त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। लेकिन उन्हें अभी जेल में ही रहना होगा। दरअसल AK त्रिपाठी के खिलाफ EOW में एक और केस चल रहा है इसलिए अभी वह जेल से बाहर नहीं आ सकते।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले की CBI जांच कर रही है। इससे पहले ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।
झारखंड में भी शराब घोटाले का आरोप
त्रिपाठी फिलहाल जगदलपुर जेल में बंद हैं। अरुणपति के खिलाफ झारखंड में भी शराब घोटाले का आरोप है। त्रिपाठी के खिलाफ ED और EOW भी जांच कर रही है। अरुणपति त्रिपाठी भारतीय दूरसंचार सेवा के अधिकारी रहे हैं। उनके आबकारी विभाग में विशेष सचिव रहने के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का दावा किया गया है।
अरुणपति त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से राहत कब मिली?
अरुणपति त्रिपाठी को सुप्रीम कोर्ट से शर्तों के साथ जमानत मिली है, हालांकि वह अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि उनके खिलाफ एक और मामला चल रहा है।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में कितने रुपए का घोटाला हुआ है?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले का आरोप है, जिसे ED द्वारा जांचा जा रहा है।
अरुणपति त्रिपाठी के खिलाफ किस-किस राज्य में जांच चल रही है? अरुणपति त्रिपाठी के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड में भी शराब घोटाले के आरोप हैं, और ED और EOW दोनों ही उनकी जांच कर रहे हैं।
अरुणपति त्रिपाठी का पूर्व पद क्या था?
अरुणपति त्रिपाठी भारतीय दूरसंचार सेवा (ITS) के अधिकारी रहे हैं और वह आबकारी विभाग में विशेष सचिव रह चुके हैं।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच कौन कर रहा है?
छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच CBI कर रही है, जबकि ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है।