30 अप्रैल को दिवंगत ऋषि कपूर की डेथ एनिवर्सरी है। आज ही के दिन सुपरस्टार ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। आज हम ऋषि कपूर से जुड़ी एक ऐसी बात बता रहे हैं,
ऋषि कपूर ने अवॉर्ड के लिए दिए 30,000
दो साल तक ल्यूकेमिया से जूझने के बाद ऋषि कपूर ने 30 अप्रैल, 2020 को 67 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। फेमस एक्टर को उनकी कई ब्लॉकबस्टर फिल्मों जैसे बॉबी, कभी कभी, अमर अकबर एंथोनी, कर्ज, चांदनी, मेंहदी, मुल्क, अग्निपथ, दो दूनी चार और कपूर एंड संस के लिए याद किया जाता है। दिवंगत एक्टर अपनी राय के बारे में मुखर और ईमानदार होने के लिए जाने जाते थे। आज ऋषि कपूर की तीसरी पुण्यतिथि पर हम एक थ्रोबैक शेयर कर रहे हैं जब ऋषि कपूर ने खुद ‘बॉबी” के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड खरीदने की बात मानी थी।
बाद में लगा इसके हकदार अमिताभ थे
ये ऋषि कपूर की पहली फिल्म थी। उन्होंने यहां तक कहा कि उनकी एक्टिंग ने अमिताभ बच्चन को ‘नाराज’ कर दिया क्योंकि बाद में उन्हें लगा कि वह ‘जंजीर’ के लिए अवॉर्ड के हकदार हैं, जो उसी साल 1973 में रिलीज़ हुई थी।
अमिताभ को हुई थी ऋषि से नाराजगी
अपनी बायोग्राफी ‘खुल्लम खुल्ला: ऋषि कपूर अनसेंसर्ड’ में, 1976 की फिल्म ‘कभी कभी’ के सेट पर उनके और अमिताभ के बीच लड़ाई के बारे में बात करते हुए ऋषि ने लिखा, ‘मुझे लगता है कि अमिताभ नाराज थे क्योंकि मैंने बॉबी के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीता था। मुझे यकीन है कि उन्हें लगा कि जंजीर के लिए उनको अवॉर्ड लेना था, जो उसी साल रिलीज़ हुई थी।’
PR ने कहा तो ऋषि ने बिना सोचे पैसे दे दिए
उन्होंने कहा, ‘मुझे यह कहने में शर्म आती है, लेकिन मैंने वास्तव में वह अवॉर्ड ‘खरीदा’ था। मैं बहुत भोला था। यह पीआर तारकनाथ गांधी थे, जिन्होंने कहा, ‘सर, तीस हजार दे दो, तो आप को मैं अवॉर्ड दिला दूंगा’। बिना सोचे समझे पैसे दे दिए।’
ऋषि कपूर से अनजाने में हुई थी वो भूल
दिवंगत एक्टर ने अपनी बुक लॉन्च के बाद इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैंने अवॉर्ड का नाम नहीं लिखा। मैंने कोई नाम नहीं कहा। मैंने कहा है कि मैंने एक अवॉर्ड खरीदा है। मैं इस बात के लिए में दोषी महसूस करता हूं। मैं 20-21 साल का था और मैं अचानक बॉबी के बाद एक बड़ा स्टार था, और मैं एक डंब बच्चा था।’
अवॉर्ड के लिए चुकानी पड़ी कीमत
उन्होंने आगे कहा, ‘किसी ने मुझसे कहा, ‘तुम्हें पता है, हम पा सकते हैं यह अवॉर्ड, क्या आप इसे लेना चाहते हैं?’, और मैंने कहा, ‘हां, बिल्कुल,’ और फिर उन्होंने कहा, ‘इसकी कीमत आपको 30,000 रुपये चुकानी होगी।’ उस समय 30,000 रुपये बड़ी रकम थी। तो मैंने कहा क्यों नहीं।’
ऋषि कपूर को पता नहीं चली ये बात
ऋषि ने आगे कहा कि हो सकता है कि उन्हें योग्यता के आधार पर अवॉर्ड मिला हो और हो सकता है कि उन्हें धोखा दिया गया हो, जैसा कि उन्होंने कहा, ‘वह आदमी एक ठग हो सकता था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि अवॉर्ड से समझौता किया गया था। हां, मैं इसे लेने के लिए गया था, लेकिन शायद उन्होंने इसे योग्यता के आधार पर दिया? मुझे नहीं पता कि यह उनकी जेब में पैसा गया या नहीं। लेकिन मैंने एक आदमी को इसके लिए पैसे दिए थे।’
ऋषि कपूर आखिरी बार डॉक्यूमेंट्री में दिखे
ऋषि कपूर को आखिरी बार YRF डॉक्यूमेंट्री-सीरीज़ ‘द रोमैंटिक्स’ में देखा गया था, जिसे उन्होंने अपनी मौत से एक महीने पहले शूट किया था। इस साल की शुरुआत में 14 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर चार पार्ट में वो डॉक्यूमेंट्री सीरीज शुरू हुई।