इनसे नफरत में ही देश का हित…भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ पीएम मोदी का लाल किले से बड़ा हमला, समझिए मायने

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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से सीधे-सीधे भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ हमला बोला। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अगर समय रहते हम नहीं चेते तो ये समस्याएं विकराल रूप ले सकती हैं। मनी लॉन्ड्रिंग, करप्शन के खिलाफ ईडी और अन्य एजेंसियों की कार्रवाइयों के बीच पीएम मोदी का लाल किले की प्राचीर से करप्शन के खिलाफ निर्णायक लड़ाई, भ्रष्टाचार और परिवारवाद के खिलाफ जनमन में ‘नफरत’ का आह्वान बहुत मायने रखता है। आने वाले दिनों में ईडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियों की कार्रवाइयों में तेजी देखने को मिल सकती हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस 25 साल के अमृत काल के लिए चर्चा करते हैं तो हम जानते हैं कि चुनौतियां अनेक हैं, मुसीबतें हैं, मर्यादाएं हैं। हम इसे कम नहीं आंक सकते। लेकिन 2 विषयों पर चर्चा जरूरी है और मैं मानता हूं कि हमारी इन सभी चुनौतियों, विकृतियों, बीमारियों के कारण इस 25 साल के अमृतकाल में अगर हम समय रहते नहीं चेते तो ये विकराल रूप ले सकते हैं। एक है- भ्रष्टाचार और दूसरा है भाई-भतीजावाद, परिवारवाद। लोग गरीबी से जूझ रहे हैं। एक तरफ वे लोग हैं जिनके पास रहने के लिए जगह नहीं है, दूसरी तरफ वे लोग हैं जिनको अपना चोरी किया हुआ माल रखने के लिए जगह नहीं है। ये स्थिति अच्छी नहीं है। इसलिए हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना होगा।’

‘भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा’
पीएम मोदी ने करप्शन के खिलाफ अपनी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए देशवासियों से इसके लिए सहयोग और समर्थन मांगा। उन्होंने कहा, ‘पिछले 8 सालों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए, आधार, मोबाइल इन सारे आधुनिक व्यवस्थाओं का उपयोग करते हुए 2 लाख करोड़ रुपये जो गलत हाथों में जाते थे, उन्हें लोगों की भलाई में लगाने में हम कामयाब हुए हैं। जो लोग पिछली सरकारों में बैंकों को लूट-लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियों को जब्त करके वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। कई को जेलों में जीने के लिए मजबूर करके रखा है। हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें लौटाना पड़े, ये स्थिति हम पैदा कर रहे हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ हम एक निर्णायक कालखंड में प्रवेश कर रहे हैं। मैं लाल किले की प्राचीर से ये बहुत जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। भ्रष्टाचार दीमक की तरह देश को खोखला कर रहा है, मुझे इसके खिलाफ लड़ाई लड़नी है। मैं आपका सहयोग मांगने आया हूं ताकि मैं इस लड़ाई को जीत पाऊं।’

‘भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता, उनका महिमामंडन ठीक नहीं’
पीएम मोदी ने कहा, ‘ये चिंता का विषय है कि आज देश में भ्रष्टाचार के प्रति नफरत तो दिखती है, व्यक्त भी लेकिन कभी-कभी भ्रष्टाचारियों के प्रति उदारता बरती जाती है। किसी भी देश में ये शोभा नहीं देगा। कई लोग तो इतनी बेशर्मी तक चले जाते हैं कि कोर्ट में सजा हो चुकी हो, भ्रष्टाचारी सिद्ध हो चुका हो, जेल जाना तय हो चुका हो, जेल गुजार रहे हों, इसके बाद भी उनका महिमामंडन करने में लगे रहते हैं।उनकी प्रतिष्ठा बनाने में लगे रहते हैं। जबतक समाज में गंदगी के प्रति नफरत पैदा नहीं होती है, तबतक स्वच्छता की चेतना नहीं जगती। जबतक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होगा, तबतक भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा।’

‘परिवारवाद के प्रति नफरत से ही बच पाएंगी संस्थाएं’
भाई-भतीजावाद और परिवारवाद का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं है, यह तमाम संस्थाओं में घुसा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘जब मैं भाई-भतीजावाद और परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है कि मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं। जी नहीं। दुर्भाग्य से राजनीतिक क्षेत्र की इस बुराई ने हिंदुस्तान की हर संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है। परिवारवाद हमारी अनेक संस्थाओं को अपने में लपेटे हुए है और इसके कारण मेरे देश के टैलेंट को नुकसान होता है, सामर्थ्य को नुकसान होता है। जिनके पास अवसर की संभावनाएं हैं वो परिवारवाद, भाई-भतीजावाद के कारण बाहर रह जाते हैं। भ्रष्टाचार का एक कारण ये भी बन जाता है। इस परिवारवाद से हमें हर संस्थाओं में एक नफरत पैदा करनी होगी, जागरूकता पैदा करनी होगी तभी हम इन संस्थाओं को बचा पाएंगे।’

‘परिवारवाद से योग्य लोगों को नहीं मिलता मौका’
पीएम मोदी ने कहा, ‘राजनीति में भी परिवारवाद ने देश के सामर्थ्य के साथ सबसे ज्यादा अन्याय किया है। परिवारवादी राजनीति परिवार के भलाई के लिए होती है, उसको देश की भलाई के साथ कुछ लेना-देना नहीं होता। इसलिए मैं देशवासियों को खुले मन से कहना चाहता हूं कि हिंदुस्तान की राजनीति, संस्थाओं के शुद्धीकरण के लिए भी हमें देश को इस परिवारवादी मानसिकता से मुक्ति दिलाकर योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने की ओर बढ़ना होगा। यह अनिवार्यता है। वरना हर किसी का मन कुंठित रहता है कि मैं इसके लिए योग्य था लेकिन वहां मेरा कोई चाचा-नाना-पिता-नानी नहीं था तो मैं नहीं पा पाया। यह मनःस्थिति किसी भी देश के लिए अच्छी नहीं है।’

परिवारवाद के खिलाफ लड़ाई में नौजवानों से मांगा समर्थन
पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद की वजह से योग्य लोगों को अवसर नहीं मिलता। उन्होंने इस बुराई के खिलाफ देशवासियों खासकर नौजवानों का साथ मांगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं देश के नौजवानों का परिवारवादी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में साथ चाहता हूं। हमने देखा पिछले दिनों खेलों में। ऐसा तो नहीं था कि पहले देश में खेल प्रतिभाएं नहीं थी। लेकिन सिलेक्शन भाई-भतीजावाद के आधार पर होता था। जब पारदर्शिता आई, सामर्थ्य का सम्मान होने लगा तो देखिए आज दुनिया में खेल के मैदान में तिरंगा लहराता है।’ उन्होंने कहा, ‘चुनौतियां बहुत हैं। अगर इस देश के सामने करोड़ों संकट हैं तो करोड़ों समाधान भी हैं। जब 130 करोड़ देशवासी एक कदम आगे रखते हैं तो हिंदुस्तान 130 करोड़ कदम आगे बढ़ जाता है। हमें आने वाले 25 साल को एक पल भी भूलना नहीं है। मातृभूमि के लिए जीना है। यही आजादी के दीवानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’

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