छत्तीसगढ़ में साकार हो रहा PM मोदी का सपना, सीएम बघेल के राज में हो रहा ये कमाल

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi Dream) का सपना साकार हो रहा है. ऐसा इसलिए की राज्य की भूपेश बघेल सरकार (Baghel Government) में किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए काफी काम हो रहे हैं. इसीक्रम में राज्य सरकार मुख्यमंत्री की मंशा अनुसार, कोदो, कुटकी और रागी (Kodo Kutki Ragi) की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर रही है. ऐसा करने से राज्य के मिलेट (मोटे अनाज) उत्पादक किसानों को लाभ हो रहा है. साथ ही इन किसानों को फसल उत्पादन (Millet Procuring in MSP) के लिए बढ़ावा मिल रहे हैं.

अब तक 18 हजार क्विंटल खरीदी
छत्तीसगढ़ में अब तक समर्थन मूल्य पर अब तक 18 हजार क्विंटल से अधिक कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी की गई है. ये आंकड़ा अभी और ऊपर जाने वाले है. क्योंकि राज्य सरकार 15 फरवरी तक सभी प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों में इसकी खरीदी जारी रखेगा. पूरी संभावना है कि किसानों की मांग पर इसकी तारीख सायद आगे भी बढ़ जाए.

अब कर कितना खरीदी
– 15 हजार 889 क्विंटल कोदो
– 793 क्विंटल कुटकी
– 1 हजार 646 क्विंटल रागी

छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी की फसलों को बढ़ावा देने के लिए इनकी समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है. इसके लिए सरकार प्रति किलों की दर से इसके अच्छे खासे दाम भी दे रही है.
– कोदो की खरीदी 30 रूपए प्रति किलो
– कुटकी की खरीदी 31 रूपए
– रागी की खरीदी 35.78 रूपए प्रति किलो

 

बढ़ाया गया दायरा
प्रदेश में राज्य लघु वनोपज संघ की समस्त प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियां कोदो, कुटकी और रागी की खरीदी कर रही हैं. प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ के अनुसार, किसान हित में इसका दायरा बढ़ाकर राज्य लघु वनोपज संघ की सभी प्राथमिक वनोपज सहकारी समितियों तक किया जा रहा है. इससे दूर दराज के गांव के किसान भी अपनी फसल बेच पाएंगे.

सीएम बघेल लिख चुके हैं पीएम को पत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौको पर मिलेत के प्रमोशन की चर्चा कर चुके हैं. वो खुद भी अपनी डाइट में इन्हें शामिल करते हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ में मिलेट (मोटे अनाजों) की खरीदी उनके सपने के साकार होने जैसा है. बता दें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसके लिए पीएम को पत्र भी लिख चुके हैं. जिसमें उन्होंने ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत बाटे जाने वाले अनाज, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग के पोषण आहार के साथ-साथ आश्रम-छात्रावासों में इन अनाजों की 20 से 25% मात्रा शामिल करने का सुझाव दिया है.