रायपुर के अमलीडीह में सरकारी कॉलेज की जमीन प्रशासन ने एक बिल्डर को अलॉट कर दी थी। इसे लेकर स्थानीय लोगों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया कह दिया कि यहां बिल्डर की बिल्डिंग नहीं बनने देंगे बनेगा तो यहां कॉलेज ही।
ये मामला रामा बिल्डकॉन को जमीन देने का है। ठीक एक दिन पहले
नगर निगम की मेयर इन काउंसिल में सोमवार को अमलीडीह में 9 एकड़ सरकारी जमीन एक प्राइवेट बिल्डर को आबंटित करने का मामला जमकर उछला। महापौर एजाज ढेबर समेत सभी एमआईसी सदस्यों ने इस आबंटन को गलत ठहराते हुए नगर निगम की ओर से एनओसी जारी करने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि काॅलेज के लिए आरक्षित जमीन कैसे बिल्डर को आबंटित की जा सकती है। अमलीडीह में 3.203 हेक्टेयर यानी करीब 9 एकड़ जमीन पिछली सरकार में सरकारी कॉलेज के लिए आरक्षित की गई थी। उस समय इस जमीन को आबंटित कराने के लिए एक प्राइवेट बिल्डर ने आवेदन दिया था।
एमआईसी सदस्यों ने कहा कि पूर्व ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा ने इस जमीन को सरकारी कालेज के लिए आरक्षित करवाया था। इस वजह से बिल्डर का आवेदन स्वीकृत नहीं किया गया। इस बीच सरकार बदल गई। बिल्डर ने जमीन आवंटन के लिए फिर प्रयास किया। उनके पुराने आवेदन को आधार बनाते हुए 28 जून 2024 को बिल्डर को आबंटित कर दी गई।
एमआईसी सदस्य श्रीकुमार मेनन, सहदेव व्यवहार सहित सभी एमआईसी सदस्यों ने कहा कि यह आबंटन गलत तरीके से हुआ है। बैठक में निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा ने जानकारी दी कि जमीन आबंटन में सीधे तौर पर नगर निगम की कोई भूमिका नहीं है। इस पर एमआईसी सदस्यों ने कहा कि नगर निगम जमीन आबंटन के लिए एनओसी जारी न करे।