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बम-बम भोले की गूंज, चप्पे-चप्पे पर पहरा…अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना, जानें नए बदलाव

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जम्‍मू. देश भर से बाबा बर्फानी की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं का इंतजार खत्म हो गया. शुक्रवार तड़के करीब सवा चार बजे जम्मू से बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा की ओर अमरनाथ यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया. पूजा अर्चना के बाद जम्मू एवं कश्‍मीर के उप-राज्यपाल व अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष मनोज सिन्हा (Manoj Sinha) ने हिम स्वरूप में बने हिमानी शिवलिंग यानी बाबा अमरनाथ (Shri Amanath Yatra) की यात्रा करने वाले पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान आधार शिविर पूरी तरह भोले के रंग में रंगा नजर आया. बम-बम भोले के जयकारों के साथ जम्मू का यात्री निवास गूंज उठा. भक्तों ने भोले के जयकारे लगाकर अपनी पव‍ित्र यात्रा की शुरुआत की.

बाबा बर्फानी की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं में पुरूषों से ज्‍यादा महिलाओं की तादात देखने को मिली. श्रद्धालु ढोल नगाड़ों की ताल पर थिरकते नजर आए. कड़ी सुरक्षा के बीच आज जम्मू से बालटाल और पहलगाम के लिए निकले श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को 1 जुलाई को पहले पवित्र दर्शन करने का मौका म‍िलेगा. बाबा बर्फानी की यात्रा में इस बार अमरनाथ श्राइन बोर्ड की तरफ से कई बड़े बदलाव भी क‍िये हैं. इन सभी का तीर्थयात्र‍ियों को व‍िशेष ध्‍यान रखना होगा.

इस बार कई बदलाव हुए, यात्रियों को रखना होगा ध्यान
-हेलमेट पहनकर करनी होगी श्रद्धालुओं को अमरनाथ यात्रा-ट्रैक पर बेहतर रोशनी और जगमगाया गया है-नि:शुल्क उपलब्‍ध रहेगा हेलमेट-पूरी तरह से रोशन ट्रैक-आपातकालीन हेलीपैड-मार्ग पर एसएएसबी द्वारा स्थापित आरओ से पानी की आपूर्ति-34 पर्वतीय बचाव दल की व्‍यवस्‍था-प्रारंभिक चेतावनी के लिए स्वचालित मौसम स्टेशन

जानकारी के मुताब‍िक यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मदद के लिए इस बार 34 माउंटेन रेस्क्यू टीमों की भी तैनाती की गई है. कठुआ से पवित्र गुफा तक विभिन्न शिविरों में एक साथ 70 हजार श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है. श्री अमरनाथ पवित्र गुफा के पास इस बार रात को किसी भी श्रद्धालु को ठहरने की अनुमति नहीं होगी.

बताया जाता है क‍ि पिछले साल गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ को देखते हुए एहतियातन यह कदम उठाया गया है. तीर्थयात्रियों को गुफा मंदिर के पास रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें दर्शन के बाद आधार शिविरों में लौटना होगा. केवल सुरक्षा बलों और सामुदायिक रसोई का प्रबंधन करने वालों को ही गुफा के पास रहने की अनुमति होगी.

इसके आलावा यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व पत्थर गिरने की दृष्टि से संवेदनशील करीब ढाई किलोमीटर के हिस्से में गुजरने पर यात्रियों के लिए हेल्मेट पहनना अनिवार्य किया गया है. वहीं जो श्रद्धालु खच्चर, पालकी का इस्तेमाल करेंगे, उनके लिए भी हेल्मेट जरूरी है. अमरनाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों का पहरा है.

बीते वर्ष की तुलना में इस बार 10 प्रतिशत ज्यादा रज‍िस्‍ट्रेशन
यह हेल्मेट श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) हर यात्री को नि:शुल्क उपलब्ध करवाएगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग को कई जगहों से चौड़ा किया गया है और कई हिस्सों में रेलिंग भी लगाई गई है. जिसके सहारे बड़े बुजुर्ग यात्रियों को चलने में आसानी हो. वहीं यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मदद के लिए 34 माउंटेन रेस्क्यू टीमें भी तैनात की गई हैं. वहीं, श्री अमरनाथ यात्रा के लिए अब तक 3 लाख से ज्‍यादा श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं, जो बीते वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा है.

अब तक की सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा
यात्रा के लिए उम्र 13 साल से 70 साल तक होनी चाहिए, अगर महिला 6 हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों की गर्भवती है तो यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी. श्री अमरनाथ यात्रा में 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग यात्रा पर नहीं जा सकेंगे. पहली बार साल 2023 की यात्रा 62 दिनों तक चलेगी. इस साल 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक यात्रा चलेगी और यह अब तक की सबसे ज्यादा समय तक चलने वाली श्री अमरनाथ यात्रा है.

रामबन के चंदरकोट में दिन के एक बजे से लगेगा पुलिस का नाका
देश भर से आने वाले यात्री बालटाल के 14.5 किमी लंबे ट्रेक और चंदनवाड़ी का 32 किमी लंबा रास्ता तय करके 13,000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद श्री अमरनाथ गुफा मंदिर तक पहुंच कर करेंगे बाबा बर्फानी के पवित्र दर्शन कर सकेंगे. आज से 2 बजे के बाद किसी भी यात्री और पर्यटक और बिना रजिस्ट्रेशन वालों को काजीकुंड बनिहाल में बने नवयुग टनल के आगे जाने की अनुमत‍ि नहीं मिलेगी. रामबन के चंदरकोट में दिन के एक बजे ही पुलिस का नाका लगा दिया जाएगा.

 

पहले जत्‍थे में 3488 यात्री रवाना
पहले जत्थे में यात्री निवास जम्मू से 3488 यात्री रवाना हुए हैं. यात्री निवास से बालटाल और पहलगाम तक 159 वाहनों को ले जाया गया. पहले जत्‍थे में कुल 3294 भक्‍त शाम‍िल हैं. यात्रा आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई को शुरू होगी जब हजारों तीर्थयात्री दो आधार शिविरों – बालटाल और पहलगाम से पवित्र गुफा मंदिर की ओर अपनी यात्रा शुरू करेंगे. पहलगाम तक 1882 श्रद्धालु ज‍िनमें पुरुष 1659 और मह‍िलाएं 223 हैं तो बालटाल तक कुल 1412 श्रद्धालु हैं जि‍नमें पुरुष 1145 और महिलाए 262 व बच्चे 5 शामि‍ल हैं. इन सभी को यात्रा के दौरान न‍ियमों का पालन करना अन‍िवार्य होगा.