छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक पिता को अपनी नाबालिग बेटी से रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई है। 13 साल की लड़की का बार-बार रेप करता रहा। जब वह गर्भवती हुई तो इंजेक्शन और टेबलेट देकर उसका अबॉर्शन भी करवा दिया। हालांकि, आरोपी की पत्नी और नाबालिग की मां ने इस मामले की शिकायत पुलिस में की। मामला कोर्ट पहुंचा। वहीं दंतेवाड़ा की फास्ट ट्रैक कोर्ट के एडीजे शैलेष शर्मा की अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
यह पूरा मामला बीजापुर जिले का है। यहां 13 साल की मासूम बच्ची अपने परिजनों से दूर छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही थी। छात्रा की मां ने बताया कि, कुछ महीने पहले उसका पति पांडु भोगामी (46) अपनी बेटी को छात्रावास से अपने घर लेकर आया था । यहां उसने डरा धमकाकर जबरदस्ती उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना शुरू किया। कुछ दिनों तक लगातार यह सिलसिला चलता रहा।
इसी बीच छात्रा गर्भवती हो गई। इस बात की जानकारी जब आरोपी को लगी तो उसने इंजेक्शन लगवा दिया और दवा खिलाकर उसका गर्भपात करवा दिया। इसकी जानकारी पीड़िता ने अपनी मां और दादा को दी थी। बच्ची की मां और दादा को जब इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने बेटी को न्याय दिलाने के लिए सीधे पुलिस के पास पहुंची और मामला दर्ज करवाया।
पुलिस ने FIR दर्ज कर मामले की जांच की और आरोपी पिता पांडु को गिरफ्तार कर लिया। मामला दंतेवाड़ा के फास्ट ट्रैक कोर्ट पहुंचा। यहां एडीजे शैलेष शर्मा की अदालत ने आरोपी पांडु भोगामी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी।
8 लोगों का हुआ बयान
13 साल की मासूम बच्ची को न्याय दिलाने मां ही अपने पति के खिलाफ खड़ी हो गई। लोगों ने भी उसका साथ दिया। 8 साक्ष्यों का बयान हुआ। सारे सबूतों, गवाहों को सुन कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।