दुर्ग । सुरेश कोठारी और उसके पुत्र सिद्धार्थ कोठारी को सीबीआई पश्चिम बंगाल लेकर हुई रवाना हो गई है। 54 करोड़ रूपये के शेयर घोटाले के तहत ये कार्रवाई की गई है। विशेष न्यायायल से CBI को ट्रांजिट रिमांड मिली है। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने शुक्रवार को कारोबारी सुरेश कोठारी के आवास पर छापेमारी की। टीम ने करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले की जांच की।
कोलकाता पुलिस गिरफ्तारी के लिए पहले भी आ चुकी है दुर्ग
कोलकाता में एफआइआर दर्ज होने के बाद कोलकाता पुलिस दुर्ग में आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए कई बार आई थी, लेकिन स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने के कारण उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केस सीबीआइ को ट्रांसफर करने की मांग की थी। जिस पर हाई कोर्ट ने इस केस को सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया था। जिसके बाद शुक्रवार को सीबीआइ की टीम ने दुर्ग में छापा मारा था।
प्रकरण के अनुसार रजत बिल्डकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्रकाश जायसवाल की शिकायत पर कोलकाता के बुर्ताल्ला थाना में बिल्डर सिद्धार्थ कोठारी, उसके पिता सुरेश कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ धोखाधड़ी, गबन, कूटरचना और आपराधिक षडयंत्र की धाराओं के तहत प्राथमिकी की गई थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस यहां पर आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कई बार आई थी, लेकिन आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।
ये है पूरा मामला
कोलकाता निवासी प्रकाश जायसवाल ने अपनी शिकायत में बताया था कि रजत बिल्डकान इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी दुर्ग जिले में जमीन का काम करती है। इस कंपनी ने अपने 40 हजार शेयर 2005-06 में प्रकाश जायसवाल को बेचे थे। इन सभी शेयर्स को 2012-13 में सुरेश कोठारी ने धोखाधड़ी कर के अपने चचेरे भाई सीए श्रीपाल कोठारी और बेटे सिद्धार्थ कोठारी की मदद से अपने नाम पर चढ़वा लिया था। इन शेयर्स की वर्तमान कीमत 53 करोड़ 44 लाख 19 हजार 230 रुपये है।
जब प्रकाश जायसवाल को इसके बारे में पता चला तो उसने इसकी शिकायत बुर्ताल्ला थाने में की थी। पुलिस ने दो जनवरी 2021 को सुरेश कोठारी, सिद्धार्थ कोठारी और सीए श्रीपाल कोठारी के खिलाफ प्राथमिकी की थी। तीनों आरोपी पद्मनाभपुर दुर्ग के निवासी हैं। कोलकाता पुलिस चार बार इन आरोपियों को गिरफ्तार करने दुर्ग आ चुकी थी, लेकिन स्थानीय पुलिस का सहयोग न मिलने से वह हर बार बैरंग लौट जाती रही।