छत्तीसगढ़ में सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। जनवरी से अक्टूबर 2024 तक पिछले दस महीने में प्रदेश में 12 हजार सड़क हादसे हुए हैं। इनमें 5500 लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक सड़क हादसे में साढ़े 9 हजार दोपहिया चालक घायल हुए हैं, जबकि करीब पांच हजार लोगों की मौत हुई है।
अधिकांश सड़क हादसे दोपहर 3 बजे से रात 9 बजे के बीच हुए हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थकान और हड़बड़ी को माना गया है। सड़क दुर्घटना में 49 फीसदी हादसे 7 जिलों हुए हैं। इनमें रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, महासमुंद और बलौदाबाजार जिला शामिल है।
70 फीसदी मौत दोपहिया चालक सवारों की
सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 70 फीसदी मौत बाइक सवार की होती है। हादसे का शिकार होने वालों में पैदल यात्री 15.48 फीसदी, ट्रैक्टर 3.43 फीसदी, कार सवार 2.95 फीसदी, साइकिल सवार 2.73 फीसदी, मालवाहक 2.18 फीसदी, ट्रक-ट्रेलर -2.04 फीसदी, हल्के सवारी वाहन से 0.83 फीसदी और सबसे कम बस 0.73 फीसदी की मौत हुई है।
स्कूली पाठ्यक्रम में भी ट्रैफिक नियम शामिल
स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य के स्कूलों में कक्षा पहली से दसवीं तक के कोर्स में ट्रैफिक नियमों को शामिल किया है। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने पाठ्य पुस्तकें तैयार की हैं। इनमें सड़क यातायात नियमों से संबंधित अध्याय पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं।
यातायात व्यवस्था का इलेक्ट्रॉनिक सर्विलेंस रायपुर, बिलासपुर और नवा रायपुर में किया जा रहा है। भिलाई और दुर्ग में यह व्यवस्था आंशिक रूप से है। सितंबर 2023 से अक्टूबर 2024 तक 101 ब्लैक स्पॉट और 748 जंक्शन के सुधार किए गए हैं।
नेताम और राजवाड़े के हादसे का शिकार होने के बाद सरकार की सख्ती
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक ली। उन्होंने कहा कि हादसे रोकने के लिए हाईवे पर दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट, चार पहिया वाहन चालकों के लिए सीट बेल्ट का उपयोग जरूरी किया जाए। गाड़ी चलाते समय सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराया जाएगा।
दरअसल, हाल ही में मंत्री रामविचार नेताम और लक्ष्मी राजवाड़े हादसे का शिकार हुए थे, जिसके बाद सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। इसके लिए जन जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। हादसे रोकने ब्लैक स्पॉट जल्द सुधारने को कहा है।